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25 जून 2011

डीयूःकोटे के 1100 छात्रों ने गंवाया हाथ आया मौका

अच्छे अंकों के साथ कोटे के लाभ के चलते डीयू में दाखिले का एक सुनहरा अवसर अनुसूचित जाति-जनजाति के करीब 11 सौ छात्रों के हाथ से फिसल गया है। इसकी वजह कोई और नहीं, खुद उन छात्रों की लापरवाही है जिन्होंने कोटे के लिए जारी दाखिले की पहली सूची में नम्बर आने के बाद भी विश्वविद्यालय का रुख करना मुनासिब नहीं समझा और इस बात की डीयू को सूचना भी नहीं दी कि वे दाखिला नहीं चाहते हैं।

इसके चलते अब उन्हें अनुसूचित जाति-जनजाति के दाखिलों की समूची प्रक्रिया सम्पन्न होने के बाद, यानि 25 जुलाई के बाद ही बची सीटों पर दाखिले का अवसर दिया जाएगा।

ज्वाइंट डीन छात्र कल्याण डॉ. सुमन वर्मा ने बताया कि अनुसूचित जाति-जनजाति (एससी-एसटी) के लिए उपलब्ध कोटे की सीटों की संख्या करीब 12,150 है, जबकि इस बार पंजीकृत हुए छात्रों का आंकड़ा 16,913 रहा है, यानि हर सीट पर एक से ज्यादा छात्र दाखिले के लिए तैयार हैं।

इसके बावजूद करीब 47 सौ छात्र-छात्राएं ऐसे हैं जो कोटे के बाहर पंजीकृत हैं। इससे साफ है कि सीटों के बचने की उम्मीद कम ही है। डॉ. वर्मा ने बताया कि 15 जून को जारी कोटे के छात्रों की पहली सूची में 9,418 छात्रों को कोटे के तहत सीटे आवंटित की गई थीं।

इसके बाद से दाखिला स्लिप लेकर छात्र को या तो दाखिला लेना था या फिर दाखिला न लेने की जानकारी देते हुए स्लिप वापस डीयू को लौटानी थी। दाखिले की प्रक्रिया 16 से 20 जून तक चली। इसी दौरान स्लिप लौटानी की प्रक्रिया भी अंजाम दी गई।

उन्होंने बताया कि अब 22 से 24 जून के बीच पहली सूची के तहत स्लिप लौटाने वाले छात्रों से नए विकल्प भरवाने की प्रक्रिया पूरी हो गई तो पता चला है कि करीब 11 सौ छात्र-छात्राएं कोटे का लाभ उठाना ही नहीं चाहते हैं।


डॉ. वर्मा ने बताया कि यह ऐसे छात्र हैं, जिन्होंने निर्धारित अवधि के दौरान डीयू से सम्पर्क नहीं किया और इसका नतीजा यह रहा कि इन्हें इच्छुक नहीं की सूची में डाल दिया गया है। यानि, अब 28 जून को दाखिले की अगली सूची जारी की जाएगी और उसके दाखिलों के पूरा होने पर बची सीटों पर 5, 6, 7 और 8 जुलाई को फेस टू फेस काउंसलिंग का पहला और 16, 18, 19 और 20 जुलाई को दूसरा चरण सम्पन्न होगा। 

उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया के बाद ही पहली सूची में न पहुंचने वाले कोटे के 11 सौ छात्रों को दाखिले का अवसर दिया जाएगा। उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि आवेदन के मुकाबले सीटें कम होने के चलते इन छात्रों के लिए सीटें उपलब्ध होने की सम्भावना बेहद कम है। 

एमटेक भी हुआ हिट

डीटीयू में बीटेक के साथ अब एमटेक पाठच्यक्रमों को लेकर भी छात्रों में जबरदस्त क्रेज देखने को मिला रहा है। 17 एमटेक पाठच्यक्रमों के लिए विवि में बम्पर आवेदन आए हैं। कुलपति प्रो.पीबी शर्मा की मानें तो 359 सीटों के लिए इस बार 2,840 आवेदन पहुंचे हैं, जो बीते साल के मुकाबले करीब 40 प्रतिशत तक ज्यादा हैं। 

कम्प्यूटर साइंस व इंजीनियरिंग एंड सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में 42 सीटों के लिए 564 आवेदन आए हैं। इसी तरह अन्य पाठच्यक्रमों को भी बेहद अच्छा रिस्पांस मिला है। इनमें एमटेक इन पॉलीमर साइंस के लिए 53 आवेदन, एमटेक इन बॉयो इंफॉर्मेटिक्स के लिए 180 आवेदन पहुंचे हैं। चुने गए छात्रों की सूची 28 जून की दोपहर वेबसाइट पर डाल दी जाएगी व आगे की दाखिला प्रक्रिया अंजाम दी जाएगी। 

विवि में बीटेक की दाखिला प्रक्रिया के तहत भी छात्रों का उम्दा रिस्पांस रहा था। विवि में उपलब्ध 15 बीटेक पाठच्यक्रमों की 1218 सीटों के लिए 10 हजार 827 आवेदन आए हैं, जो बीते साल के मुकाबले करीब 25 प्रतिशत तक ज्यादा हैं(दैनिक भास्कर,दिल्ली,25.6.11)।

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