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18 जून 2011

12वीं में फेल बिहार और झारखंड के छात्रों की उम्मीदें जगीं

बिहार तथा झारखंड क्षेत्र से बड़ी संख्या में छात्र 12वीं कक्षा में गणित और भौतिकी के पत्रों के पुनमरूल्यांकन की मांग के मद्देनजर सीबीएसई के अध्यक्ष विनित जोशी का कहना है कि पटना में 12वीं कक्षा का परिणाम पिछले वर्ष के जैसा ही है। कई मायने में पिछले वर्ष से बेहतर है। इंजीनियरिंग परीक्षा में उत्तीर्ण होने और 12वीं कक्षा में फेल होने के बारे में उन्होंने कहा कि मेरे समक्ष कुछ खबरें लाई गई हैं।’’ उन्होंने कहा कि बोर्ड में पुनमरूल्यांकन का प्रावधान नहीं है लेकिन इंजीनियरिंग परीक्षा में पास होने और 12वीं कक्षा में फेल होने का कोई विशिष्ट मामला आता है तो इस पर गौर किया जा सकता है। बिहार व झारखंड में बड़ी संख्या में छात्रों को सीबीएसई की 12 वीं परीक्षा में गणित और भौतिकी में फेल कर दिए गए हैं या कम अंक मिले हैं। दूसरी ओर इनमें कई ऐसे छात्र हैं जो एआईईईई, बिट्स पिलानी और इंजीनियरिंग की अन्य प्रतिष्ठित प्रतियोगिता परीक्षा में उत्तीर्ण हुए हैं। 12वीं कक्षा में गणित और भौतिकी में या तो फेल हुए है या खराब अंक के कारण उनका इंजीनियरिंग कालेजों में दाखिला नहीं हो रहा है। पटना में बड़ी संख्या में छात्र और अभिभावक सीबीएसई के दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं। आइसा जैसे छात्र संगठन पुनर्मूल्यांकन की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहा है। हालांकि इसका कोई नतीजा नहीं निकल रहा है। बहरहाल, इस मामले में बिहार में राजनीति गरमा गई है। रालोद नेता रामकृपाल यादव का कहना है कि, नीतीश चीन में हैं तो क्या हुआ। वह इस मामले में हस्तक्षेप तो कर सकते हैं।’’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा, ‘‘ यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रतियोगिता परीक्षा में अपनी मेहनत की बदौलत उत्तीर्ण होने के बादजूद छात्रों को गणित और भौतिकी में खराब अंक मिले हैं। पुनमरूल्यांकन की वाजिब मांग का माना जाना चाहिए।’’ जद यू नेता शिवानंद तिवारी ने भी सीबीएसई को छात्रों की पुनमरूल्यांकन की वाजिब मांग को मानने का पक्ष लिया(राष्ट्रीय सहारा,पटना,18.6.11)।

दैनिक जागरण,दिल्ली संस्करण की रिपोर्टः
दो साल पहले इलाहाबाद जोन से अलग कर बनाए गए पटना सीबीएसई जोन में बिहार और झारखंड क्षेत्र से बड़ी संख्या में छात्र 12वीं कक्षा में गणित और भौतिकी के प्रश्नपत्रों में या तो फेल हो गए हैं या फिर अपेक्षा के अनुरूप कम नंबर आए हैं। लिहाजा पिछले सप्ताह से छात्र आंदोलन कर कॉपी के पुनर्मूल्यांकन की मांग कर रहे हैं। उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। आश्चर्य की बात तो यह है कि जो छात्र गणित, फिजिक्स और केमेस्ट्री जैसे विषय में फेल हैं या कम अंक आए हैं, उनका चयन देश की प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग परीक्षाओं आइआइटी, एआईईईई, बिट्स पिलानी और इंजीनियरिंग की अन्य प्रतियोगिता परीक्षाओं में हो गया है। इस कारण उनका इंजीनियरिंग कालेजों में दाखिला लेना मुश्किल हो गया है। सीबीएसई का इस मामले में कहना है कि बोर्ड के नियमों में पुनर्मूल्यांकन का प्रावधान नहीं है। सिर्फ नंबरों की गणना होती है। पटना में बड़ी संख्या में छात्र और अभिभावक सीबीएसई के दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं। आइसा जैसे छात्र संगठन पुनर्मूल्यांकन की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। हालांकि इसका कोई नतीजा नहीं निकल रहा है। सीबीएसई के चेयरमैन विनीत जोशी ने कहा कि पटना में 12वीं कक्षा का परिणाम पिछले वर्ष जैसा ही है और कई मायने में पिछले वर्ष से बेहतर है। इंजीनियरिंग परीक्षा में उत्तीर्ण होने और 12वीं कक्षा में फेल होने के बारे में कुछ खबरें आई हैं। उन्होंने कहा कि बोर्ड में पुनर्मूल्यांकन का प्रावधान नहीं है, लेकिन इंजीनियरिंग परीक्षा में पास होने और 12वीं कक्षा में फेल होने का कोई विशिष्ट मामला आता है, तो उस पर गौर किया जा सकता है।

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