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22 जून 2011

दिल्लीःललित कला अकादमी में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा

ललित कला अकादमी के एग्जिक्यूटिव बोर्ड व जनरल काउंसिल के सदस्यों सहित अन्य पदाधिकारियों द्वारा भारी फर्जीवाड़े का मामला प्रकाश में आया है। इस दौरान पदाधिकारियों द्वारा अपने पद पर रहने के दौरान न केवल अपने रिश्तेदारों व जानकारों को बल्कि स्वयं को अकादमी से फेलोशिप, स्कॉलरशिप, नेशनल कैंप में सहभागिता आदि के माध्यम से आर्थिक लाभ पहुंचाया गया। जबकि अकादमी के संविधान के मुताबिक यहां के पदाधिकारियों को ऐसा करने की सख्त मनाही है और शिकायत मिलने की दशा में उन्हें पदस्थ किए जाने का प्रावधान है। मजे की बात यह है कि वर्षो से चल रहे इस फर्जीवाड़े की खबर अकादमी के उच्च पदासीन अधिकारियों सहित पर्यटन व संस्कृति मंत्रालय को भी थी, लेकिन इस बाबत कोई कदम नहीं उठाए गए। दैनिक जागरण के पास मंत्रालय द्वारा अकादमी को इस बाबत लिखे गए पत्र की प्रति मौजूद है। ललित कला अकादमी द्वारा कलाकारों के प्रोत्साहन व उत्साहव‌र्द्धन के लिए विभिन्न पुरस्कार व सम्मान प्रदान किए जाते हैं। इसके अतिरिक्त कई फेलोशिप भी प्रदान किए जाते हैं। पुरस्कार, सम्मान व फेलोशिप के तहत आर्थिक धनराशि भी दी जाती है, हालांकि अकादमी के संविधान के मुताबिक अकादमी का कोई भी पदाधिकारी पद पर रहते समय न तो किसी कैंप में हिस्सा ले सकता है और न ही किसी पुरस्कार व फेलोशिप के लिए ही योग्य है। इसके अतिरिक्त पारदर्शिता के उद्देश्य से पदाधिकारियों के रिश्तेदारों व जानकारों को भी उक्त सम्मानों के लिए अयोग्य घोषित किया गया है। इसके बावजूद जनरल काउंसिल, एग्जिक्यूटिव बोर्ड व वाइस चेयरमैन स्तर के अधिकारियों द्वारा द्वारा वर्षो से स्वयं व अपने रिश्तेदारों को लाभान्वित कराया जाता रहा। और तो और इस बात की जानकारी पर्यटन व संस्कृति मंत्रालय को थी और वर्ष 2003 में ही मंत्रालय द्वारा इस बाबत अकादमी को पत्र लिख ऐसे लोगों को पदमुक्त कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही गई। इसके बावजूद वर्षो बाद तक ऐसी गड़बडि़यां बदस्तूर जारी रही। अकादमी के जनरल काउंसिल के सदस्य श्रीकांत पांडेय के मुताबिक उनके संज्ञान में ऐसे दर्जनों लोगों के नाम आए हैं जो स्वयं यहां एग्जिक्यूटिव बोर्ड, जनरल काउंसिल, फाइनेंस बोर्ड के सदस्य हैं और उन्होंने पद का दुरुपयोग करते हुए ऐसे सम्मान व आर्थिक लाभ प्राप्त किए। उन्होंने बताया कि वर्जित होने के बाद भी सदस्यों के की पत्नियों, बच्चों व अन्य रिश्तेदारों को वर्ष 2001 से लेकर 2007 के बीच अकादमी की ओर से विभिन्न सम्मान व पुरस्कार प्रदान करने का मामला भी सामने आया है। श्रीकांत के मुताबिक अकादमी के संविधान की अवहेलना व पद के दुरुपयोग में वर्तमान वाइस चेयरमैन के आर सुबन्ना सहित कई वर्तमान पदाधिकारियों की भी संलिप्तता पायी गई है जबकि कई अब अपने पद पर नहीं है। ललित कला अकादमी के चेयरमैन अशोक वाजपेयी ने गड़बडि़यों की शिकायत की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि ऐसा मामला उनकी संज्ञान में आया है। अकादमी इस बात की जांच करेगी और आरोप सिद्ध पाए जाने की दशा में संविधान सम्मत कार्रवाई करेगी(अविनाश चंद्र,दैनिक जागरण,दिल्ली,22.6.11)।

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