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23 जून 2011

मध्यप्रदेशःपीईटी में सिवनी के ओशिम जैन प्रथम,इंदौर शीर्ष पर

मध्यप्रदेश के 222 इंजीनियरिंग कॉलेजों की करीब 83 हजार सीटों के लिए हुए प्री इंजीनियरिंग टेस्ट (पीईटी) के परिणाम बुधवार शाम घोषित हुए। प्रदेश की टॉप 10 लिस्ट में शहर के पांच स्टूडेंट्स जगह बनाने में सफल रहे।
देर रात तक मिली जानकारी के अनुसार टॉप-100 में शहर के 25 से ज्यादा स्टूडेंट्स चुने गए हैं।
रिजर्व कैटेगरी में आकाश मांडलिक पांचवें नंबर पर रहे। प्रदेश के तीन शीर्ष कॉलेज में पढ़ने की इच्छा रखने वालों के लिए एक तरह से पीईटी आईआईटी-जेईई लेवल से कम नहीं होती।
प्रदेश के सबसे बड़े एसजीएसआईटीएस के बाद देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी और भोपाल के आरजीपीवी से इंजीनियरिंग ज्यादातर का सपना होता है। हर साल काउंसिलिंग में तीन लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स इन्हें ही प्राथमिकता देते हैं।

रूड़की से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग करेंगे
दूसरे नंबर पर रहे देवेश चिंचोलीकर की जेईई में 1625 व एआईईई में 1069वीं रैंक थी। वे आईआईटी रूड़की में एडमिशन ले चुके हैं। वे कहते हैं रुड़की से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग करना चाहता हूं। इसमें कुछ नए प्रयोग करने की इच्छा है। जेईई टारगेट होने से पीईटी के लिए अलग से कुछ भी पढ़ने की जरूरत नहीं पड़ी। पैरेंट्स आनंद-मृदुला चिंचोलीकर कहते हैं बचपन से पढ़ाई में अव्वल रहा है। इस वजह से विश्वास था एक दिन नाम रोशन करेगा।

बेसिक अच्छा है तो टेंशन नहीं

आईआईटी में 340 रैंक और एआईईईई में एआई 50वीं रैंक पर रहे शहर के आदित्य जैन ने पीईटी में भी टॉप 9 पोजिशन अपने नाम की। आदित्य का कहना है जेईई की अच्छी रैंक से कानपुर की इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में एडमिशन ले चुका हूं। पीईटी में ज्यादातर प्रश्न बेसिक ही पूछे जाते हैं इसलिए सेल्फ टेस्ट के लिए हिसाब से टेस्ट दिया था। पैरेंट निर्मल-मंजू जैन का कहना है पढ़ाई के साथ मॉरल सपोर्ट से भी फर्क पड़ता है। आदित्य को उसकी मर्जी से पढ़ाई की आजादी दी थी।

काउंसिलिंग जुलाई में
एआईसीटीई की लिस्ट के बाद पीईटी के परिणाम घोषित होने से अब काउंसिलिंग जुलाई के पहले हफ्ते में होने की उम्मीद जताई जा रही है। इसके पहले एसजीएसआईटीएस सहित दो हेल्प सेंटर पर ऑनलाइन प्रक्रिया, रजिस्ट्रेशन,फीस और डाक्यूमेंट्स से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।

आईआईटी के लक्ष्य से पीईटी फतह
पीईटी में टॉप करने वाले ज्यादातर स्टूडेंट्स ने जेईई और एआईईईई में भी किस्मत आजमाई है। सभी टॉपर सहित कई स्टूडेंट्स पहले ही जेईई में एडमिशन ले चुके हैं। इस साल करीब 83 हजार सीटों के लिए 1 लाख 229 स्टूडेंट्स ने पीईटी दी थी। इसमें से करीब 20 हजार स्टूडेंट्स का मकसद सेल्फ टेस्ट करना है, ये सभी अन्य कोर्सेस में एडमिशन ले चुके होते हैं। इस लिहाज से पीईटी में 0 नंबर लाने वाले को भी खाली सीटों पर एडमिशन मिल जाता है। इस साल से 12वीं में 50 फीसदी मार्क्‍स की अनिवार्यता से करीब 8 हजार स्टूडेंट्स पीईटी देने के बावजूद अमान्य होंगे।

जेईई की तैयारी से पीईटी क्रेक
प्रदेश में चौथी रैंक पर रहे आयुष अग्रवाल जेईई में एआई 399 पर थे। आयुष का कहना है आईआईटी दिल्ली से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में एडमिशन मिल गया है। जेईई की जोरदार तैयारी से एआईईईई और पीईटी में भी आसानी से टॉपर बन सकते हैं।
पीईटी के लिए अलग से कुछ भी तैयारी नहीं की थी। तीन कठिन परीक्षाओं से गुजरने के बाद मुझे अहसास हुआ है कि कुछ समय के कड़े संघर्ष से आपको जिंदगीभर सपोर्ट मिलता है। 10वीं से करियर की दौड़ साथियों को शुरू कर देनी चाहिए ताकि 12वीं में सिर्फ निशाना साधने की जरूरत हो। मम्मी निर्मला अग्रवाल टीचर हैं। उनका कहना है बिगड़ते हालातों से भी स्टूडेंट्स को कुछ कर गुजरने की सीख मिलती है।

नई ब्रांच से बनाएंगे करियर
प्रदेश में सातवीं रैंक के निखिल खंडेलवाल का कहना है आईआईटी-जेईई में 647 रैंक थी, जिससे आईआईटी दिल्ली में एडमिशन ले लिया है। मैथेमेटिक्स एंड कम्प्यूटिंग ब्रांच लेने वालों में कम ही स्टूडेंट्स होते हैं, इस बारे में निखिल का कहना है मैथ्स के बिना कम्प्यूटिंग संभव नहीं होती।
मैथ्स के साथ कम्प्यूटिंग होने से इंजीनियरिंग का बेस अच्छा होगा। पापा महेंद्र खंडेलवाल ने बताया बेटे को आईआईटी से पढ़ाने का सपना पूरा होता देख पूरे परिवार में खुशी छाई हुई है।

सिवनी के ओशिम जैन प्रथम
व्यावसायिक परीक्षा मंडल ने बुधवार को प्री-इंजीनियरिंग टेस्ट के नतीजे घोषित कर दिए। इसमें सिवनी के ओशिम जैन 200 में से 181 अंक हासिल कर अव्वल रहे। इस बार टॉप टेन सूची में छात्रों का दबदबा रहा है। सूची में दस में से छात्रों ने नौ स्थानों पर कब्जा जमाया।

व्यापमं के प्रवक्ता सुनील श्रीवास्तव के मुताबिक पिछले महीने आयोजित पीईटी का रिजल्ट घोषित कर दिया गया है। परीक्षा में एक लाख दो सौ उनतीस छात्र शामिल हुए थे। सफल छात्रों को मेरिट के आधार पर इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश दिया जाएगा। 222 इंजीनियरिंग कॉलेजों में 81,960 सीटें हैं। 


टॉप-5
नाम-अंक-शहर 
1. ओशिम जैन 181 सिवनी 
2. देवेश चिंचोलिकर 176 इंदौर 
3. अपूर्वी सिंह 176 ग्वालियर 
4. आयुष अग्रवाल 174 इंदौर 
5. अनिमेष सिन्हा 174 भोपाल 
(दैनिक भास्कर,भोपाल,23.6.11)

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