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15 जून 2011

डीयू का डेवलपमेंट स्टडीज पाठ्यक्रम

डेवलपमेंट स्टडीज उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उभर रहे उन नए विकल्पों में है, जिन्होंने करियर के विकल्पों को बहुआयामी बनाया है और अपनी पसंद से कार्य करने वाले लोगों को आजादी भी दी है। इस कोर्स का व्यापक क्षेत्र इसे जहां एक ओर लोकप्रिय बनाता है, वहीं करियर के बहुत से विकल्पों को भी खोलता है। यदि समाज में बदलाव लाने की भावना आप में है और आप उसे विकासोन्मुखी बनाने की इच्छा रखते हैं तो यह आपके लिए एक बेहतर विकल्प हो सकता है। समाज से जुड़े हर पहलू को यह कोर्स छूता है और आप हर क्षेत्र में विकास की गाथा रच सकते हैं।

बेसिक रूप से रिसर्च आधारित इस कोर्स में अलग-अलग विषयों का समावेश किया गया है। अर्थशास्त्र, सामाजिक शास्त्र, पर्यावरण अध्ययन, देशीय समस्याएं, अंतरराष्ट्रीय संबंध और उससे जुड़ी समस्याओं को कैसे दूर किया जाए और कैसे उन्हें विकास की धारा से जोड़ा जाए, यह इस कोर्स का मुख्य आचरण है।
समग्र विकास किस तरह से किया जाये और उसकी क्या कार्य शैली हो, इस बात को गहरे से इस कोर्स में समझाया जाता है। यह भी कि उसे देश या विश्व के साथ विकास की राह में एक साथ कैसे चलाना है। अर्थ के विकास को औद्योगिक विकास में भी सहायक होना चाहिए, इस का प्रावधान भी इस कोर्स में रखा गया है।
भूमंडलीकरण के समय अपने स्त्रोतों को विकास का साधक कैसे बनाया जाये और विश्व से गरीबी दूर करने के क्या उपाय किये जाएं, यह विषय भी इस कोर्स का विशेष हिस्सा है। कोर्स अपनी स्पेशलाइजेशन द्वारा ऐसे पेशेवरों को तैयार करता है।
पर्यावरण और विकास
पर्यावरण किस प्रकार विकास में सहयोगी बन सकता है और किस प्रकार उसको भी विकास का अंग बनाया जा सकता है, इसका व्यावहारिक ज्ञान इस कोर्स की प्रमुखता है। इसमें यह बताया जाता है कि पर्यावरण का विकास भी हो और विकास की इस दौड़ में उसे कोई क्षति भी न पहुंचे।
समाज और विकास
डेवलपमेंट स्टडीज का सबसे महत्त्वपूर्ण अंग यही है कि इसका पूरा जोर सामाजिक विकास पर केन्द्रित होता है। अर्थ जगत के बाद यही एक ऐसा क्षेत्र है, जहां इस कोर्स के लोगों की सबसे ज्यादा जरूरत है। जेंडर स्टडीज, कल्चरल स्टडीज, विस्थापन समस्या, जनसंख्या समस्या और सम्पूर्ण मानव जाति का विकास किस प्रकार एक रूप में समग्रता के साथ हो, यह इस कोर्स का महत्त्वपूर्ण पक्ष है। सरकार से लेकर निजी संस्थानों तक में ऐसे पेशेवरों की आवश्यकता रहती है, जो इस पक्ष को समझें और इसके लिए कारगर उपाय खोजें। यही वजह है कि इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा जोर रिसर्च पर दिया जाता है।
कृषि का विकास आर्थिक विकास का ही महत्त्वपूर्ण अंग है। समाज की सबसे बड़ी जरूरत को ध्यान में रखते हुए कृषि पर विकास के असर और किस प्रकार कृषि का विकास संभव है, वह भी आज की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए, यह सब इस कोर्स में अंतर्निहित है।
इस प्रकार भूमंडलीकरण के दौर में जब विकास की गंगा बह रही हो तो कोई भी क्षेत्र पीछे न रह जाये, यही ध्यान में रखते हुए इस कोर्स को डिजाइन किया गया है। जरूरत है ऐसे लोगों की जो इस पेशे में आकर यह सुझा सकें कि आखिर विकास की परिभाषा क्या है और किस प्रकार समग्र विकास किया जा सकता है, खासकर ऐसे देशों में जो अभी विकास की राह पर चल रहे हैं(शरद अग्रवाल,हिंदुस्तान,दिल्ली,15.6.11)।


जरूरत है नीतियों को एग्जिक्यूट करने वाले प्रोफेशनल्स की
डेवलपमेंट स्टडीज के लिए अभी तो संभावनाएं बननी शुरू हुई हैं, लेकिन भविष्य के हालात बहुत बेहतर होंगे। मूलत: आर्थिक आधार के इस कोर्स में इतिहास, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान का ऐसा सम्मिश्रण है, जो विकास की राह को संस्कृति, सभ्यताओं ओर समाज के सरोकारों से जोड़ता है। आज न सिर्फ सरकार और अन्तराष्ट्रीय संगठन, बल्कि कई निजी उपक्रम, एनजीओ भी सामाजिक और विकास के मुद्दों को लेकर चिंतित हैं और नित नए शोध करा रहे हैं। ऐसी जगहों पर डेवलपमेंट स्टडीज के छात्रों की आवश्यकता है।

इस कोर्स का मूल उद्देश्य क्या है?
विकास को अर्थव्यवस्था के साथ जोड़ कर देखा जा रहा है और उसी के सहारे सारे विकास संभव हैं। इसी को ध्यान में रख कर यह कोर्स ऐसे लोगों को तैयार करने के लिए बनाया गया है, जो विकास की गहराइयों को समझते हों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के ढांचे को बेहतर और व्यावहारिक आधार प्रदान कर सकें।
कैसा है भविष्य?
अर्थ का क्षेत्र बहुत विशाल है। वित्तीय संस्थाओं, बैंकों, सामाजिक संस्थाओं और सरकारी संगठनों, सहकारी संस्थानों, एनजीओ, इत्यादि जहां राष्ट्रीय स्तर पर डेवलपमेंट स्टडीज के छात्रों को रखते हैं और शोध के कार्य को भी बढ़ावा देते हैं, वहीं कई अंतरराष्ट्रीय संगठन भी ऐसे छात्रों को नौकरी देते हैं। जितनी आवश्यकता आज के नीति निर्धारकों की है, उतनी ही आवश्यकता उस नीति को एग्जिक्यूट करने वालों की भी है। इसलिए इस कोर्स के छात्रों का भविष्य सुनहरा है(अनिर्वन सेनगुप्ता, एसोसिएट प्रोफेसर, अम्बेडकर यूनिवर्सिटी,हिंदुस्तान,दिल्ली,15.6.11)।

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