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16 जून 2011

डीयू की कट ऑफ लिस्ट में उलझन ही उलझन

दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिले के लिए जारी की गई कट ऑफ लिस्ट छात्रों के लिए खासा उलझन भरा रहा। बुधवार को कट ऑफ देखकर कोई बेस्ट फोर में फंसता नजर आया तो कोई किसी विषय को लेकर बनाई गई क्राइटेरिया में। हालांकि ऐसे कॉलेजों की संख्या कम ही है। बहुत सारे छात्र कट ऑफ ऊंची होने के कारण अब दूसरी लिस्ट का इंतजार कर रहे हैं। कॉलेजों की कट ऑफ की बात करें तो इंद्रप्रस्थ कॉलेज में बीए आनर्स अर्थशास्त्र के लिए ९३.५ से लेकर ९४.२४ फीसदी कट ऑफ है। लेकिन इसमें दाखिला पाने के इच्छुक छात्रों से अंग्रेजी में ७० फीसदी और गणित ७५ फीसदी की अनिवार्यता रखी गई है। कई छात्र कट ऑफ देखकर तो कुछ हुए लेकिन क्राइटेरिया ने उन्हें मायूस कर दिया। वेंकटेश्वर कॉलेज में गणित में दाखिले के इच्छुक रोहित प्रकाश ने बताया कि यहां ८७ फीसदी का कट ऑफ मेरी पहुंच के अंदर था लेकिन क्राइटेरिया में गणित में ९२ फीसदी की मांग की गई है। इसी तरह राजधानी कॉलेज में भी बहुत सारे छात्र इस कोर्स में ७३-७५ फीसदी का कट ऑफ देखकर पहले तो खुश हुए पर जैसे ही पता चला कि गणित में ८५ और ९० फीसदी की शर्त रखी गई है वे निराश होकर कॉलेज को कोसने लगे। हिन्दू कॉलेज में भी बीकॉम आनर्स में दाखिला पाने वालों से एकाउंटेंसी में ९५ फीसदी अंक की मांग की गई है जो कई छात्रों के दाखिले में बाधक है। कॉलेजों के इस क्राइटेरिया से बहुत सारे छात्र नाखुश नजर आए। इसमें दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन भी कुछ खास नहीं कर पा रहा है क्योंकि यह दाखिले की प्रक्रिया कॉलेज अपने स्तर पर अपनाती है। कट ऑफ लिस्ट में शामिल होने से दूर रहने वाले छात्र अब दूसरी लिस्ट का इंतजार कर रहे हैं। किरोड़ीमल कॉलेज के प्राचार्य भीमसेन सिंह ने बताया कि इस बार जो सिस्टम तैयार किया गया है उसमें कॉलेज में दूसरी और तीसरी लिस्ट आने की पूरी उम्मीद है। इसी में दाखिले होंगे। ऐसे में छात्र निराश न हों(अनुपम कुमार,नई दुनिया,दिल्ली,16.6.11)।

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