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17 जून 2011

डीयू में दाखिलाःकॉलेज बाज नहीं आए मनमानी से

दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिले में कॉलेजों की मनमानी को रोकने के दावे धरे के धरे रह गये। कहीं छात्रों को चरित्र प्रमाणपत्र की दिक्कत सामने आई तो कहीं मूल मार्कशीट, बैंक ड्राफ्ट और अन्य दस्तावेज। कोर्स के प्रभारी ने ऐसे छात्रों को इस तरह के दस्तावेजों के बहाने बिना दाखिला कई छात्रों को वापस कर दिया।


बिना आवेदन दाखिला प्रक्रिया शुरू होने पर विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने यह दावा किया था कि कॉलेज इस सिस्टम में मनमानी नहीं कर पाएंगे। दाखिले में छात्रों की परेशानी देखते हुए कॉलेजों में ग्रिवांस सेल बनाने और इस पर नजर रखने की बात कही गई थी। लेकिन कुछ ही कॉलेजों में यह व्यवस्था नजर आई। इस बारे में छात्रों को सार्वजनिक तौर पर कोई सूचना भी नहीं दी जा रही थी। हंसराज , किरोड़ीमल, रामजस, हिन्दू और कैंपस के अन्य कॉलेजों में ग्रिवांस सेल को लेकर कहीं कोई सार्वजनिक सूचना नहीं दी गई थी। इस बारे में पूछताछ करने पर भी हंसराज व किरोड़ीमल में हेल्प डेस्क पर भी कोई जानकारी नहीं मिली। हंसराज कॉलेज में कई छात्र इस बात को लेकर परेशान हुए कि उनसे फीस के रूप में प्राचार्य के नाम से बैंक का ड्राफ्ट मांगा गया। ड्राफ्ट नहीं हो पाने के कारण कई छात्र गुरूवार को बिना दाखिला लौट आए। रामजस कॉलेज में भी हलफनामा और चरित्रप्रमाणपत्र नहीं होने के कारण कई छात्रों को लौटा दिया गया। हिन्दू कॉलेज में फीस में ५० रूपये ज्यादा लिए जाने पर भी कई छात्र सवाल उठाते नजर आए। प्रशासन की ओर से इसका कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।

उधर डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो जेएम खुराना ने बताया कि ग्रिवांस सेल के बारे में कॉलेजों को सूचना भेज दी जाएगी। विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर भी इसकी सूचना आम छात्रों को दी जाएगी। जहां तक चरित्र या मूल मार्कसीट या प्रमाणपत्र का सवाल है ? कॉलेजों को पत्र लिखेंगे कि वे प्रोविजनल मार्कसीट के आधार पर अंडरटेकिंग लेकर ऐसे छात्रों को दाखिला दें(नईदुनिया,दि्ल्ली,17.6.11)।

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