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23 जून 2011

हिमाचल बोर्डःसर्टिफिकेट फर्जीवाड़े में पांच कर्मी सस्पेंड

हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड में सर्टिफिकेट फर्जीवाड़े में गिरफ्तार सुपरिंटेंडेंट और चार सीनियर असिस्टेंट को न्यायालय ने जमानत पर रिहा कर दिया, जबकि बोर्ड प्रशासन ने इन पांचों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। रिहाई के बाद दो कर्मियों ओंकार व मनोहर को फिर से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस ने गिरफ्तार बोर्ड कर्मियों से पूछताछ की। इसमें उजागर हुआ कि कार्य के निष्पादन में लापरवाही बरतने के साथ-साथ मास्टर माइंड अश्वनी डोगरा और मुख्य आरोपी सुरेश चौधरी के अन्य बोर्ड कर्मियों के साथ दोस्ताना संबंध थे। इन संबंधों के चलते आठवीं, दसवीं, जमा एक व जमा दो की शाखाओं में 208 परीक्षार्थियों को बिना परीक्षा दिए असली सर्टिफिकेट जारी किए गए थे। प्रदेश के अन्य हिस्सों में संचालित निजी एकेडमी प्रबंधकों ने भी बोर्ड की लापरवाही का फायदा उठाते हुए फर्जीवाड़े के माध्यम से अपनी एकेडमी में शिक्षारत परीक्षार्थियों को पास करवाया था।


फर्जीवाड़े में प्रदेश सरकार ने इस मामले की गहनता से जांच के आदेश दिए थे। बोर्ड प्रशासन ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए चार अलग-अलग मामलों में एफआईआर दर्ज कराई थी। इसमें 38 बोर्ड कर्मियों की संलिप्तता के अंदेशे के चलते कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे। 

पुलिस ने बोर्ड की जमा दो शाखा में कार्यरत महिला सहित 3 दर्जन बोर्ड कर्मियों को हिरासत में लेने की प्रक्रिया आरंभ कर दी है। कार्रवाई से बचने के लिए आरोपी बोर्ड कर्मियों ने बुधवार को कार्यालय से छुट्टी लेकर अग्रिम जमानत का जुगाड़ भिड़ाना शुरू कर दिया है। स्कूल शिक्षा बोर्ड के सचिव प्रभात शर्मा ने बताया कि मंगलवार को पुलिस द्वारा गिरफ्तार बोर्ड कर्मियों को बोर्ड प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है(दैनिक भास्कर,शिमला,23.6.11)।

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