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30 जून 2011

यूपीःपूर्णकालिक प्रवक्ता बनने पर अड़े व्यावसायिक शिक्षक

पूर्णकालिक प्रवक्ताओं के पदों का सृजन कर विगत 21 वर्षो से कार्यरत व्यावसायिक शिक्षकों का विनियमितीकरण/ आमेलन अथवा समायोजन किया जाए। यह मांग बुधवार को माध्यमिक व्यावसायिक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के तत्वावधान में प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता के माध्यम से की गयी। वार्ता में यह भी कहा गया कि यदि मांगों को लंबे समय तक लटकाया गया तो पूरे प्रदेश में आन्दोलन की लहर उठ खड़ी होगी। वार्ता के दौरान एसोसिएशन के अध्यक्ष देवेन्द्र कुमार शर्मा ने कहा कि प्रदेश के 992 शासकीय/सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में रोजगारपरक शिक्षा का संचालन 1989 से प्रारम्भ हुआ,जिसमें 35 ट्रेड हैं। इन ट्रेडों में शिक्षण कार्य के लिए अतिथि विषय विशेषज्ञों की मानदेय पर नियुक्ति के आदेश अभी तक चले आ रहे हैं। व्यावसायिक शिक्षा उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के पाठय़क्रम का एक अभिन्न अंग है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा व्यावसायिक शिक्षा में गुणात्मक सुधार के अथक प्रयास किये गये हैं। इस शिक्षा की संकल्पना यह थी कि माध्यमिक स्तर पर छात्रों को रोजगार की विशेष धारा में परिपक्व बनाकर उच्च शिक्षा के कारण बढ़ती बेरोजगारी को रोका जाए। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि कार्यरत शिक्षकों की सेवाएं कार्य प्रारम्भ करने की तिथि से ही प्रभावी मानी जाएं। यदि कोई व्यावसायिक शिक्षक शैक्षिक योग्यता पूरी नहीं करता है तो उसके अनुभव को ही योग्यता मानकर उसे भी विनियमित किया जाए अथवा सरकार द्वारा प्रशिक्षण दिलाकर उसकी योग्यता पूर्ण करायी जाए। साथ ही प्रत्येक माध्यमिक विद्यालयों में हाई स्कूल एवं इण्टरमीडिएट कक्षाओं को इस महत्वपूर्ण रोजगारपरक शिक्षा को अनिवार्य विषय के रूप में लागू किया जाए। व्यावसायिक शिक्षा की धारा से उत्तीर्ण छात्रों को आईटीआई के समकक्ष दर्जा दिया जाए तथा प्रदेश के विभिन्न माध्यमिक विद्यालयों में बंद ट्रेडों को पुन: संचालित किया जाए। इसके अतिरिक्त व्यावसायिक शिक्षा के लिए स्थापित प्रयोगशालाओं को आधुनिक तकनीकी से सुसज्जित कराया जाए, जिससे इस शिक्षा को उत्पादकतापूर्ण बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि उक्त मांगों के संबंध में विधान सभा अध्यक्ष सुखदेव राजभर से अप्रैल में वार्ता की जा चुकी है, जिसमें उन्होंने व्यावसायिक शिक्षकों के विनियमितीकरण का आासन दिया था। इसके उपरान्त एसोसिएशन के पदाधिकारी माध्यमिक शिक्षा निदेशक से मिले जिस पर उन्होंने पत्रावली लेकर आवश्यक कार्रवाई का आासन भी दिया। इसके अतिरिक्त प्रमुख सचिव शिक्षा (माध्यमिक) ने भी व्यावसायिक शिक्षकों के संबंध में विस्तृत चर्चा करके योग्यता के निर्धारण को अतिशीघ्र किये जाने का आश्वासन दिया। इसके बाद भी अभी तक इस संबंध कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गयी है। इससे सभी व्यावसायिक शिक्षकों में रोष व्याप्त है(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,30.6.11)।

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