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12 जुलाई 2011

यूपीः1.24 लाख शिक्षामित्र बनेंगे सरकारी मास्टर, प्रशिक्षित करेगी सरकार

मायावती सरकार चुनाव के पहले लोकप्रिय फैसले ले रही है। मंगलवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रि परिषद की बैठक में विधान मण्डल का मानसून सत्र 05 अगस्त से होने के साथ अप्रशिक्षित शिक्षामित्रों को दो साल का प्रशिक्षण नेशनल टीचर्स एजुकेशन बोर्ड के मानकों के अनुसार पत्राचार से प्रशिक्षित कराने का निर्णय लिया है। जिसके बाद यह सभी स्थायी रूप से प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक के तौर पर नियुक्त हो सकेंगे।

कैबिने के फैसले के मुताबिक दो चरणों में जून 2015 तक 01 लाख 24 हजार स्नातक शिक्षामित्रों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसी महीने जुलाई 2011 में 62 हजार तथा जुलाई 2013 में शेष शिक्षा मित्रों को प्रशिक्षण दिलाया जायेगा।यह प्रशिक्षण कार्यक्रम केवल अप्रशिक्षित शिक्षा मित्रों के लिए है। यानि जिन्होने बीटीसी या बीएड नही किया है। शिक्षा मित्रों ने अपनी इस मांग को लेकर पिछले दिनों लखनऊ में जबर्दस्त प्रदर्शन किया था और पुलिस की लाठियां खायी थी(विजय उपाध्याय,दैनिक भास्कर,लखनऊ,12.7.11)।

दैनिक जागरण की रिपोर्टः
शिक्षामित्रों को बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित स्कूलों में स्थाई शिक्षक बनाने की राह में राज्य सरकार ने पहला कदम बढ़ा दिया है। इसके तहत कैबिनेट ने प्रदेश के एक लाख 24 हजार स्नातक शिक्षा मित्रों को दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से दो वर्षीय बीटीसी प्रशिक्षण देने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। प्रशिक्षण पूरा करने के बाद स्नातक शिक्षामित्र प्राथमिक स्कूलों में बतौर शिक्षक नियुक्त होने की शैक्षिक योग्यता हासिल कर लेंगे। यह प्रशिक्षण दो चरणों में दिया जाएगा। पहला चरण 2011-13 और दूसरा 2013-15 में होगा। पहले चरण का प्रशिक्षण अगस्त से शुरू होने की संभावना है। प्रत्येक चरण में 62,000 शिक्षामित्र प्रशिक्षित किए जाएंगे। इस संबंध में सोमवार को शासनादेश भी जारी कर दिया गया है। प्रशिक्षण देने के लिए 820 ब्लॉक संसाधन केंद्र और 59 नगर शिक्षा संसाधन केंद्र अध्ययन केंद्र के रूप में कार्य करेंगे। हर अध्ययन केंद्र पर 70 लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। अंतिम परीक्षा उत्तीर्ण करने पर एससीईआरटी की ओर से उन्हें प्रमाणपत्र दिया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान उन्हें स्कूलों में पढ़ाना होगा और बुलावे पर उन्हें अध्ययन केंद्र पर उपस्थित होना पड़ेगा। प्रशिक्षण के दौरान मानदेय यथावत रहेगा। प्रशिक्षण के लिए स्नातक शिक्षामित्रों के चयन की खातिर प्रत्येक जिले में डायट प्राचार्य की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय चयन समिति गठित की गई है। एनसीटीई के निर्देशानुसार प्रशिक्षण के लिए चार सितंबर 2001 के पहले से नियुक्त शिक्षामित्रों को चयन में वरीयता नहीं दी जाएगी। सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में अप्रशिक्षित शिक्षक किसी भी दशा में भर्ती न किए जाएं। प्रशिक्षण देने के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद दो वर्षीय पाठ्यक्रम तैयार कराकर उसे एनसीटीई से अनुमोदित करा चुका है। शासन ने जून 2015 तक सभी स्नातक शिक्षामित्रों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य तय किया है। 1.78 लाख शिक्षामित्रों में से 1.24 लाख शिक्षामित्र स्नातक अर्हताधारी हैं। स्नातक शिक्षामित्रों को दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से दो वर्षीय बीटीसी प्रशिक्षण देने के लिए राज्य सरकार की ओर से भेजे गए प्रस्ताव को एनसीटीई ने विगत 14 जनवरी को मंजूर दी थी। एनसीटीई से मंजूरी मिलने के बाद एससीईआरटी ने इस संबंध में शासन को प्रस्ताव भेजा था जिसे कैबिनेट ने अनुमोदित कर दिया है।।

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