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31 जुलाई 2011

14 राज्यों में एक साल नहीं खुलेंगे नए बीएड कॉलेज

राष्ट्रीय अध्यापक शैक्षणिक परिषद ने हरियाणा सहित 14 राज्यों में शैक्षणिक सत्र 2012-13 के दौरान नए निजी बीएड कॉलेजों को खोलने की अनुमति नहीं देने का निर्णय लिया है। परिषद ने शैक्षणिक गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया है। इस संबंध में परिषद की वेबसाइटपर अधिसूचना जारी की गई है। जारी अधिसूचना के अनुसार बिहार व झारखंड में नए कॉलेज खोलने पर प्रतिबंध नहीं है। नए कॉलेजों के लिए 1 अगस्त से ऑनलाइन आवेदन किए जा सकेंगे। उल्लेखनीय है कि अकेले हरियाणा में पिछले एक दशक के दौरान निजी बीएड कॉलेजों की संख्या 400 से अधिक हो गई है। सीटों की संख्या भी 60 हजार से अधिक है। हालांकि बाहरी छात्रों के लिए 15 फीसद सीटें आरक्षित हैं, लेकिन अधिकतर कॉलेजों में बाहरी प्रदेशों के छात्रों की संख्या 50 प्रतिशत से अधिक होती है। बाहरी प्रदेशों के छात्रों की संख्या अधिक होने के कारण कॉलेज में कक्षाओं में छात्रों की उपस्थिति बहुत ही कम होती है। इसे देखते हुए गत वर्ष कुरुक्षेत्र विवि सहित प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों ने टीमों का गठन कर कॉलेजों का औचक निरीक्षण भी किया था। इस उपाय से भी राष्ट्रीय अध्यापक शैक्षणिक परिषद संतुष्ट नहीं हुई है। इसीलिए परिषद ने वेबसाइट पर जारी आदेश में स्पष्ट कहा है कि देश में तेजी से बढ़ रहे घटिया स्तर के बीएड कॉलेजों की बढ़ोतरी को रोकने लिए यह जरूरी हो गया है कि शैक्षणिक सत्र 2012-13 के दौरान देश के चौदह राज्यों में बीएड कॉलेजों पाठ्यक्रम संचालित करने की अनुमति न दी जाए। इसके तहत हरियाणा में बीएड, बीपीएड, डीपीएड, पंजाब में बीएड, डीपीएड, उत्तरप्रदेश में बीएड, डीपीएड, राजस्थान में बीएड, एमएड, हिमाचल में बीएड, डीएड, मध्य प्रदेश में बीएड, बीपीएड, आंध्र प्रदेश में बीएड से संबंधित पाठ्यक्रमों के लिए नए कॉलेजों को मान्यता देने से इंकार कर दिया है। बिहार, झारखंड जैसे राज्यों को इस प्रतिबंध से दूर रखा गया है(अरूणेश,दैनिक जागरण,पानीपत,31.7.11)।

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