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21 जुलाई 2011

नागपुरः परमात्मा एक सेवक नागरिक सहकारी बैंक के 157 कर्मियों ने दी आत्मदाह की धमकी

परमात्मा एक सेवक नागरिक सहकारी बैंक के कर्मचारियों ने विविध मांगों को लेकर बुधवार को दोपहर में भरी बरसात में मोर्चा निकाला।

सीताबर्डी लक्ष्मी टाकीज के पीछे स्थित विभागीय सहनिबंधक कार्यालय के सहनिबंधक राजेश भुसारी का घेराव किया। 157 कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि आगामी 5 अगस्त तक मांगें पूरी नहीं होने पर सहनिबंधक कार्यालय के सामने वे आत्मदाह करेंगे।

वनटाइम सेटेलमेंट के अनुसार रकम की मांग

आंदोलनकारियों ने बताया कि बैंक एक वर्ष पहले लिक्डिट (अवसायन) में चला गया है, जिससे बैंक में कार्यरत 157 कर्मचारियों के परिवारों पर भूखों मरने की नौबत आ गई है। कर्मचारियों की मांग है कि नियमानुसार वनटाइम सेटलमेंट योजना के मुताबिक उन्हें रकम दी जाए, जिससे उनके परिवारों का निर्वाह होता रहे।

कर्मचारियों ने बताया कि उनके वेतन बंद होने वाली समस्या के बारे में सहकार आयुक्त मधुकर चौधरी पुणे को महाराष्ट्र स्टेट को-ऑप बैंक सोसायटी ने पत्र लिखा था, जिसके जबाव में चौधरी ने कर्मचारियों के संगठन को अवगत कराया कि यह मामला सहनिबंधक कार्यालय नागपुर के अंतर्गत आता है।


इसका निपटारा सहनिबंधक राजेश भुसारी के कार्यालय से होगा। जब कर्मचारियों ने उनसे संपर्क किया तो उन्हें पता चला कि उनकी मांग दोबारा पुणे सहकार आयुक्त के पास भेजी गई है। 

सह-निबंधक ने दिया आश्वासन
कर्मचारियों का आरोप है कि उनके प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान किए जाने व उन्हें मामले का निपटारा करने का अधिकार दिए जाने के बाद भी 7-8 मांगों को दोबारा पुणे सहकार आयुक्त के पास क्यों भेजा गया। 

सहनिबंधक श्री भुसारी ने आंदोलनकारियों को आश्वासन दिया कि उनकी मांगें पूरी की जाएंगी। मोर्चे का नेतृत्व विधान परिषद सदस्य एस. क्यू. जमा, महाराष्ट्र स्टेट को ऑप. बैंक के पूर्व सचिव सुरेश तन्नीवार और सहसचिव गिरधारी वाडीभस्मे एवं संगठक सचिव संजय वाडीभस्मे ने किया।

मोर्चे में जे. डी. बावरे, डी. पी. उमरेडकर, पी. पी. माकडे, के. एस. वाघ, आर. एल. पवार, संजय नरखेडकर, आर. बी. कृपान, मीना घुगरे, मीना येवलेकर और राजश्री मेश्राम आदि शामिल थे। 

जिम्मेदार कौन है?

मोर्चे में शामिल कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने यह कभी जानने की कोशिश नहीं कि परमात्मा एक सेवक नागरिक सहकारी बैंक के लिक्डिटेड में जाने के लिए कौन जिम्मेदार है। 

इस बात को लेकर केवल निवेशक और कर्मचारी परेशान हैं, क्योंकि इनके परिवारों पर आर्थिक संकट है। बैंक का नागपुर और भंडारा में बड़े स्तर पर कारोबार था। इसकी 12 शाखाएं हैं। 60 हजार खाताधारक हैं। इसमें करीब 58 करोड़ रुपये खाताधारकों के जमा हैं(दैनिक भास्कर,नागपुर,21.7.11)।

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