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21 जुलाई 2011

एक स्कूल जहां 44 भाषाओं में पढ़ते हैं बच्चे

आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन यह सच है कि इंग्लैंड के सुरी में एक स्कूल ऐसा है जहां छात्र 44 भाषाओं को बोलते हैं। खास बात यह है कि इस स्कूल में एशिया की 22 भाषाएं बोली जाती हैं। इसके अलावा यूरोप की 11 और अफ्रीका की 12 भाषाओं का ज्ञान इस स्कूल में दिया जाता है। जिन भाषाओं में ये बच्चे बोला करते हैं उनमें अफ्रीकन, अरेमिक, फिलिपिनो, गा, किकुयो, किस्सी, कन्नड़, तेलगु, योरोबा और जुलू प्रमुख हैं। भारतीय भाषाएं -हिंदी, गुजराती, बंगाली, पंजाबी, मलयालम, मराठी, तमिल और तेलगू भी इस स्कूल में स्‍थान पा चुकी हैं।

पढ़ाने वाले टीचर हैं बेहद प्रतिभाशाली

रेडहिल में सैंट मैथ्यू नाम के इस स्कूल में 477 युवा छात्र पढ़ रहे हैं, जिसमें से 78 छात्रों की मातृभाषा अंग्रेजी नहीं है। स्कूल के प्रधान अध्यापक जैनेट लाइटफूट का कहना है कि कई लोगों को एक स्कूल में इतनी भाषाओं को सीखते देखकर हैरानी होती है लेकिन यह एक सच्चाई है। यहां हम इतनी विविधताओं के साथ जश्न मनाने का मौका ढूंढ लेते हैं। इससे हमारा स्कूल कुछ खास और अलग हो गया है। अपने स्टाफ के बारे में उन्होंने बताया कि पढ़ाने वाले टीचर बेहद प्रतिभाशाली हैं और बच्चों की भावनाओं को समझते हैं। इस स्कूल में टीचर के स्लैंग भाषा के इस्तेमाल पर रोक है। 

लाइटफूट ने बताया कि स्कूली अध्यापकों का चयन भी विशेष प्रक्रिया के तहत किया जाता है। हमें उस तरह के शब्दों से बचना होता है जिन्हें बच्चों को समझने में दिक्कत पैदा करती है। 40 वर्षीय पुराने इंग्लैंड के इस स्कूल में ज्यादातर गैर-अंग्रेजी पृष्ठभूमि के बच्चे हैं। खास बात यह है कि हाल ही में इस स्कूल को संतोषजनक और गणित विषय में बेहतर रैंकिंग से नवाजा गया है(अमर उजाला,21.7.11)।

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