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29 जुलाई 2011

जामिया में शिक्षकों के लिए 8 घंटे ड्यूटी अनिवार्य

जामिया मिल्लिया इस्लामिया में काम कर रहे शिक्षक अब समय से पूर्व विविद्यालय छोड़कर नहीं जा सकेंगे। इसके अलावा सरकारी नौकरी की तरह शिक्षकों को सुबह से शाम तक रहना पड़ेगा। आदेश के मुताबिक जामिया के सभी केन्द्रों में पढ़ा रहे शिक्षकों को सुबह 9 से शाम 5.30 बजे तक कैम्पस में रहना होगा। उधर, शिक्षक एसोसिएशन ने ऐसे नियम शिक्षकों पर थोपे जाने को गलत बताया है। एसोसिएशन का कहना है कि शिक्षकों को शोध कार्य के लिए विद्यार्थियों को पढ़ाने के बाद बाहर जाना पड़ जाता है। ऐसे वे सरकारी नौकरी की तरह विवि में बैठे नहीं रह सकते हैं। जामिया के मौजूदा कुलपति एक नौकरशाह हैं। यही वजह है कि उन्होंने अभी हाल में ही विद्यार्थियों के लिए 80 फीसद उपस्थिति अनिवार्य करने की बात कही है। जामिया टीचर एसोसिएशन के सचिव रिजवान कैसर ने कहा कि हमारी बुनियादी जिम्मेदारी पढ़ाने की है। हम विद्यार्थियों से भी मिलते-जुलते हैं। यदि हमें सरकारी दफ्तर की तरह रोककर रखा जाएगा, तो हम शोध कार्य कैसे करेंगे। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो सरकार शिक्षकों की उच्च शिक्षा की बात करती है, वहीं दूसरी सरकारी नौकरी की तरह काम करने का नियम थोपा जा रहा है(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,29.7.11)।

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