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30 जुलाई 2011

हरियाणा की नर्सिंग पॉलिसी शीघ्र

हरियाणा के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री राव नरेंद्र सिंह ने आज कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में नर्सिंग स्कूलों की स्थापना एवं संचालन को सुव्यवस्थित बनाने के लिए जल्द ही एक ‘नर्सिंग पॉलिसी’ लेकर आ रही है। उन्होंने कहा कि पॉलिसी प्रदेश में चिकित्सा क्षेत्र की नर्सिंग स्टॉफ की जरूरतों को पूरा करने में मददगार होगी तथा इससे नर्सिंग प्रशिक्षण में भी गुणवत्ता आएगा।
मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा देने तथा प्रदेश में चिकित्सक तथा पैरा-मेडिकल स्टॉफ की कमी को दूर करने के लिए संकल्पबद्ध हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में नए चिकित्सा महाविद्यालय स्थापित किए जा रहे है तथा इस क्षेत्र में सार्वजनिक-निजी सहभागिता पद्धति के अंतर्गत भी संभावनाओं को तलाशा जा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश में खोले जा रहे नए चिकित्सा महाविद्यालय का कार्य प्रक्रियाधीन है, जिनमें एक चिकित्सा महाविद्यालय करनाल में कल्पना चावला के नाम से बनाया जा रहा है। एक महिला चिकित्सा महाविद्यालय खानपुर कलां (सोनीपत) में 298 करोड़ रुपये की लागत से निर्माणाधीन है जबकि नल्हड़ जिला मेवात में भी 389 करोड़ रुपये की लागत से एक अन्य चिकित्सा महाविद्यालय बनाया जा रहा है।

राव ने कहा कि इस महाविद्यालय को संचालित करने के लिए संकाय सदस्यों के 96 तथा अन्य श्रेणी के 203 पदों को भरने के लिए विज्ञापन जारी किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि इन नए महाविद्यालयों के शुरू होने के बाद प्रदेश में न केवल चिकित्सकों की कमी को पूरा किया जा सकेगा बल्कि चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित होंगे।
उन्होंने बताया कि पीजीआई, रोहतक में एमबीबीएस की सीटों को बढ़ाकर 200 किया गया है तथा स्नातकोत्तर सीटों की संख्या 43 से बढ़ाकर 143 की गई है। इसके अलावा, झज्जर के बाढ़सा में अखिल भारतीय आयु विज्ञान संस्थान स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पैरा-मेडिकल एजुकेशन की गुणवत्ता में सुधार के लिए पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, रोहतक के तत्वावधान में डायरेक्टोरेट ऑफ पैरा-मेडिकल एजुकेशन तथा खाद्य एवं औषध प्रशासन विभाग की स्थापना की गई है। नरेंद्र सिंह ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में चिकित्सकों की कमी को पूरा करने के लिए गंभीर है। राज्य सरकार द्वारा चिकित्सा अधिकारियों के स्वीकृत 2206 पदों में से 2033 पदों को भरा जा चुका है तथा एसएमओ के 450 स्वीकृत पदों में से 412 पदों पर भर्ती की जा चुकी है। इस प्रकार, चिकित्सकों की कमी को पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास जारी है(दैनिक ट्रिब्यून,चंडीगढ़,30.7.11)।

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