मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

12 जुलाई 2011

हिमाचलःनिजी शिक्षण संस्थानों के लिए बिल तैयार

अंतत: सरकार ने प्राइवेट शिक्षण संस्थानों पर निगरानी के लिए विधेयक के प्रारुप को अंतिम रुप दे दिया है। इसे प्राइवेट शिक्षण संस्थान (लेखा, शुल्क व अन्य मामले) विधेयक, 2011 का नाम दिया है। शिक्षा विभाग ने एक माह तक जनता एवं प्राइवेट शिक्षण संस्थानों से सुझाव व आपत्तियां मांगी है।


विधेयक में जिन चीजों को शामिल किया गया है, उनमें छात्रों एवं अभिभावकों के हितों का ध्यान रखा गया है। इसमें आवश्यकता से अधिक फीस वसूली, मनमर्जी की दुकानों से वर्दी सहित अन्य सामान खरीदने को बाध्य करना, अकाउंट्स का सही रखरखाव, चार्टड अकाउंटेंट से लेखा ऑडिट व लेखे को प्रकाशित करवाने की सुविधा देना, सक्षम अधिकारी को निरीक्षण की व्यवस्था करना, मूलभूत सुविधा न होने पर संस्थान को बंद करना एवं जुर्माने की व्यवस्था होना शामिल है। 

कैसे दें शिक्षा विभाग को सुझाव

शिक्षा विभाग की तरफ से तैयार किए गए विधेयक के प्रारुप आम जनता व प्राइवेट शिक्षण संस्थान अपने सुझाव व आपत्तियां दे भेज सकते हैं। इसके लिए विधेयक का प्रारुप उच्च शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है। सुझाव व टिप्पणियां प्रधान सचिव शिक्षा, हिमाचल प्रदेश सरकार, आमर्सडेल बिल्डिंग, प्रदेश सचिवालय शिमला-2 पर भी की जा सकती है। 

क्या कहते हैं शिक्षा मंत्री

शिक्षा मंत्री ईश्वर दास धीमान ने कहा, सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए प्राइवेट शिक्षण संस्थान विधेयक का प्रारुप तैयार किया है। इससे लेखा के रखरखाव व अन्य मामलों में पारदर्शिता आएगी। इसमें संस्थानों की संबद्धता से संबंधित प्रावधानों को प्रस्तावित कानून के अंतर्गत शामिल नहीं किया जाएगा(दैनिक भास्कर,शिमला,12.7.11)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।