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11 जुलाई 2011

सेंट्रल स्कूलःतरक्की के लिए उच्चतर शैक्षिक योग्यता धारण करने की अनिवार्यता हटी

सेंट्रल स्कूल के हजारों शिक्षकों के लिए खुश खबरी है। अब उन्हें सालों साल काम करने के बाद तरक्की के लिए तरसना नहीं पड़ेगा। अब उन्हें बिना शर्त तरक्की मिलेगी। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने तरक्की के लिए उच्चतर शैक्षिक योग्यता धारण करने की अनिवार्य शर्त हटा ली है। जून के अंत में जारी आदेश को क्रियान्वित करने के लिए केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) ने काम शुरू कर दिया है। उल्लेखनीय है कि सेंट्रल स्कूलों में शिक्षकों की तरक्की के नाम पर काफी मनमानी चलती थी। इसमें भेदभाव भी बरता जाता था जिसके चलते केवल बीस फीसद शिक्षकों को ही तरक्की मिल पाती थी। इन लोगों को चुनने के लिए एक नियम बनाया गया था। इसका नाम था उच्चतर शैक्षिक योग्यता। यदि कोई अपने सह शिक्षक से किसी भी मामले में जैसे शिक्षा या प्रशिक्षण या कोई अन्य कोर्स में आगे है तो उसे तरक्की दे दी जाएगी। साथ काम करने वाले को तरक्की नहीं मिलेगी। इसमें काफी जोड़-तोड़ होता था क्योंकि जिन शिक्षकों की केवीएस में पहले से ‘सेटिंग’ हो जाती थी वे कहीं न कहीं से उच्च शिक्षा के नाम पर कोई डिग्री या प्रशिक्षण प्राप्त कर लेते थे और उसे चुपचाप अपनी व्यक्तिगत फाइल में लगवा देते थे। जब तरक्की की बारी आती थी तो केवीएस अधिकारी उसी डिग्री को आधार बना कर शिक्षक को तरक्की दे देते थे। इस अभ्यास के चलते शिक्षकों में काफी रोष था। समय-समय पर वे मांग करते रहे कि जब हम एक ही पद पर काम करते हैं तो तरक्की के अवसर में भेदभाव क्यों किया जाता है। इस मांग पर विचार करने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एक समिति गठित कर मामले को शांत कर दिया था। मगर पिछले महीने मंत्रालय ने इस समिति की सिफारिशों पर गौर करते हुए उन्हें मान लिया है। मंत्रालय ने केवीएस आयुक्त को लिखा है कि सेंट्रल स्कूलों में विभिन्न श्रेणियों के शिक्षकों को सीनियर स्केल और सेलेक्शन स्केल प्रदान करने के लिए उच्चतर शैक्षिक योग्यताओं को धारण करने संबंधी जो मामला काफी समय पहले मंत्रालय के पास भेजा गया था उसमें विचार करने के लिए एक समिति गठित की गई थी। इन सिफारिशों पर काफी विचार-विमर्श करने के बाद सरकार ने निर्णय लिया है कि केवीएस में विभिन्न श्रेणियों के शिक्षकों को सीनियर स्केल व सेलेक्शन स्केल के लिए उच्चतर अर्हताओं पर बल न दिया जाए और यह स्केल प्रदान किया जाए। मंत्रालय के इस आदेश के बाद 27 जून को केवीएस के उपायुक्त (कार्मिक) डा. ई प्रभाकर ने देश भर के सभी क्षेत्रीय कार्यालयों के सहायक आयुक्तों को मंत्रालय के उक्त फैसले को तत्काल प्रभाव से लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी है। बताते हैं कि अब शिक्षकों की नए सिरे से सूची बनने के बाद उन्हें तरक्की देने की प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा और इस वर्ष हजारों शिक्षकों को इसका लाभ मिलेगा। केवीएस की व्यवस्था के अनुसार, यदि किसी शिक्षक को सेंट्रल स्कूल में आज नौकरी मिलती है तो 12 वर्ष की नौकरी पूरी होने के बाद उसे कुछ शतरे को पूरा करने के बाद सीनियर स्केल मिलता था। उसके 24 वर्ष बाद पुन: कुछ शतरे को पूरा करने बाद सेलेक्शन स्केल मिलता था। मगर अब अनिवार्य शर्त को हटा लिया गया है। अब सभी शिक्षकों को समयबद्धता के साथ तरक्की मिलेगी। हालांकि अभी भी सेंट्रल स्कूलों में शिक्षकों के सैकड़ों पद खाली है जिन्हें तदर्थ आधार पर पूरा किया जाता है। मंत्रालय इस समस्या पर भी विचार कर रहा है। माना जा रहा है कि आने वाले समय में सेंट्रल स्कूलों में ठेके के आधार पर पढ़ाने वाले शिक्षकों को नियमित करने का कोई रास्ता निकाला जाएगा या फिर सेंट्रल स्कूलों में शिक्षकों का भर्ती अभियान छेड़ा जाएगा। इस समय पूरे देश में सेंट्रल स्कूलों की संख्या 1076 है जिनमें गत वर्ष 10 लाख, 30 हजार, 654 छात्रों का दाखिला था। सेंट्रल स्कूलों में शिक्षकों व कर्मचारियों की संख्या 49,291 है(ज्ञानेंद्र सिंह,राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,11.7.11)।

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