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17 जुलाई 2011

पटना डेंटल कालेज को नामांकन की मंजूरी

सूबे का एकमात्र सरकारी दंत महाविद्यालय पटना डेंटल कालेज को चालू सत्र में नामांकन लेने की अनुमति प्रदान कर दी गयी है। डेंटल काउंसिल आफ इंडिया ने कालेज को सशर्त नामांकन लेने की अनुमति दी है। इससे चालीस छात्रों के लिए बीडीएस की पढ़ाई करने का रास्ता साफ हो गया। कालेज को 2003 से सशर्त नामांकन की अनुमति दी जाती रही है, मगर कमियों को दूर करने की दिशा में कोई पहल नहीं की जा रही है। न्यूनतम मानदंड पूरा न करने को लेकर डीसीआइ नौ सालों से कालेज की मान्यता पर सवाल उठाते आ रही। इस दौरान कई दफा शैक्षणिक और आधारभूत संरचना में व्यापक कमी के कारण नामांकन पर रोक लगा दी गयी। डीसीआइ को शिक्षकों एवं डेंटल चेयर की कमी, इमरजेंसी एवं इंडोर की व्यवस्था नहीं होने पर घोर आपत्ति है। कालेज में प्रोफेसर के 6, रीडर के 9 एवं लेक्चरर के 23 पर सृजित हैं। इसके विरुद्ध तीन प्रोफेसर, सात रीडर एवं सत्तर लेक्चरर ही कार्यरत हैं। इंडोर की सुविधा नहीं होने के कारण मरीजों को भर्ती नहीं किया जाता है। गंभीर मरीजों को पीएमसीएच रेफर कर दिया जाता है। कई चिकित्सक तो मरीजों को सरकारी अस्पतालों का चक्कर छोड़कर निजी अस्पताल में इलाज कराने की सलाह देने से संकोच नहीं करते हैं। इसका खामियाजा सिर्फ मरीजों को ही नहीं बल्कि बीडीएस के विद्यार्थियों को भी भुगतना पड़ रहा है। बताया जाता है कि राज्य सरकार द्वारा कमियों को दूर करने का भरोसा देने के बाद ही डीसीआइ ने कालेज को एक साल के लिए नामांकन की सशर्त अनुमति प्रदान की है। इससे संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा में डेंटल कालेज में लिए सफलता हासिल करने वाले छात्रों के नामांकन पर लगा ग्रहण हट गया(दैनिक जागरण,पटना,17.7.11)।

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