राजभवन को की गई शिकायत के बाद आईएमएस के पूर्व डायरेक्टर द्वारा फीस में की गई गड़बड़ी की फाइल फिर खुल गई है। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में ही चार करोड़ 94 लाख 53 हजार 880 रुपए की गड़बड़ी की बात सामने आई है। इस पर सीए से जांच करवाई जा रही है जिसकी एक रिपोर्ट शुक्रवार को कुलपति को सौंपी गई है। कुलपति डॉ. पी.के. मिश्रा ने जांच समिति गठित कर दी है।
आईएमएस के पूर्व डायरेक्टर डॉ. पी.एन. मिश्रा सहित अन्य के कार्यकाल में छात्रों से ली गई फीस यूनिवर्सिटी के खाते में जमा नहीं होने की शिकायत की गई थी। राजभवन के इस पत्र पर यूनिवर्सिटी ने आईएमएस के डायरेक्टर डॉ. जयंत सोनवलकर से इसकी रिपोर्ट मांगी थी। 2004 से 08 तक चार साल में करीब पांच करोड़ के घपले की रिपोर्ट रजिस्ट्रार को सौंपी गई थी।
रिपोर्ट मिलने के बाद कुलपति ने तीन सदस्यीय समिति बना दी है जो इस रिपोर्ट की सत्यता का परीक्षण करेगी। यूनिवर्सिटी जांच रिपोर्ट राजभवन को सौंपेगी। उधर, इस मामले में भास्कर ने आईएमएस के डायरेक्टर डॉ. पी.एन. मिश्रा से चर्चा की तो उन्होंने इस पूरी प्रक्रिया को ही गलत ठहराते हुए आपत्ति ली। उन्होंने कहा रिपोर्ट में जिन वर्षो की बात कही जा रही है उसमें से अधिकांश समय मेरा कार्यकाल रहा ही नहीं था। इसकी जांच छात्रों की संख्या और मार्कशीट के आधार पर होना चाहिए।
कोकजे कमेटी की सिफारिश पर पेश करना होगी रिपोर्ट
शनिवार को होने वाली कार्यपरिषद की बैठक में सदस्यों को कोकजे कमेटी की सिफारिशों पर चर्चा कर एक रिपोर्ट तैयार करना होगी, जिसे राजभवन भेजा जाएगा। दरअसल, इससे पहले कार्यपरिषद ने डॉ. सेहरावत के समय हुई 31 अवैध नियुक्तियों और पदोन्नति को लेकर राजभवन से मार्गदर्शन मांगा था। इस पर राजभवन ने यूनिवर्सिटी से ही यह पूछ लिया था कि अब तक क्या कार्रवाई की गई है, ये पहले बताएं। इसके अलावा बैठक में कॉलेज प्राचार्य की नियुक्तियां, पदोन्नति, वेतनमान और यूनिवर्सिटी के प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज पर चर्चा होगी।
भूख हड़ताल पर चला जाऊंगा -चौरड़िया
शिकायतकर्ता अजय चौरड़िया ने भी सेहरावत द्वारा की गई 31 अवैध नियुक्तियों को रद्द करने को लेकर भूख हड़ताल की चेतावनी दे दी है। उन्होंने कहा अगर कार्यपरिषद ने कोई फैसला नहीं लिया तो सोमवार से यूनिवर्सिटी परिसर में भूख हड़ताल की जाएगी। उधर, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारियों ने भी डॉ. जयंत सोनवलकर को आईएमएस का डायरेक्टर बनाए जाने के विरोध में प्रदर्शन किया। अभाविप के मनस्वी पाटीदार ने बताया डॉ. सोनवलकर की पदोन्नति और फर्जी पीएचडी की जांच चल रही है, फिर उन्हें स्थायी पदभार कैसे दिया(दैनिक भास्कर,इन्दौर,30.7.11)।
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