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02 जुलाई 2011

उत्तराखंडःबाबा फरीद इंस्टीटय़ूट पर कसा शिंकजा

बाबा फरीद इंस्टीट्यूट आफ टैक्नोलाजी द्वारा किए गए फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद शासन ने उसके द्वारा संचालित किए जा रहे व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की संबद्धता समाप्त करने के लिए तकनीकी विविद्यालय को निर्देश जारी कर दिए हैं। साथ ही अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद को भी संस्थान द्वारा डिप्लोमा व एमबीए पाठय़क्रम के लिए मान्यता दिए जाने पर राज्य सरकार की ओर से आपत्ति दर्ज करा दी है। बाबा फरीद इंस्टीट्यूट आफ टैक्नोलाजी संस्थान के विरुद्ध कई गंभीर अनियमितताओं की शिकायत मिलने के बाद शासन ने जिला प्रशासन को जांच सौंपी थी। प्रमुख सचिव राकेश शर्मा ने इसके लिए एसडीएम विकासनगर की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी। विगत दिनों जांच कमेटी ने रिपोर्ट शासन को भेज दी थी। इसमें संस्थान की ओर से की गई कई गड़बड़ियां पकड़ में आई। जांच रिपोर्ट के आधार पर प्रमुख सचिव राकेश शर्मा ने अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के क्षेत्रीय अधिकारी (उत्तरी क्षेत्र) व तकनीकी विविद्यालय को संस्थान की संबंद्धता समाप्त करने को कहा है। उन्होंने कहा कि संस्था के पास निर्धारित मानकों के अनुसार भूमि, भवन, भवन मानचित्र, भू-उपयोग प्रमाण पत्र, फैकल्टी, प्रयोगशाला आदि उपलब्ध नहीं है। संस्था द्वारा विभिन्न विविद्यालयों से सम्बद्ध अनके पाठय़क्रमों के अतिरिक्त उत्तराखंड तकनीकी विविद्यालय से सम्बद्ध एमएसी बायोटैक्नोलाजी, एमएससी बायोकैमेस्ट्री, एमएससी इन्वायरमेंटल बायोलाजी, एमएससी फूड टैक्नोलाजी, एमए मास कम्युनिकेशन, बीएससी फूड टैक्नोलाजी आदि व्यवसायिक पाठय़क्रम भी चलाए जा रहे हैं। इसके अलावा संस्था डिप्लोमा व एमबीए पाठय़क्रमों के लिए एआईसीटीई को प्रस्ताव भेजा गया है। उन्होंने एआईसीटीई को संस्थाना को डिप्लोमा व एमबीए पाठय़क्रम के लिए मान्यता दिए जाने के संबंध में प्रदेश सरकार की आपवि दर्ज करा दी है। साथ ही तकनीकि विविद्यालय के कुलपति को निर्देश जारी करे हैं कि बाबा फरीद इंस्टीट्यूट में विविद्यालय से संबद्ध व्यवसायिक पाठ्क्रमों की सम्बद्धता समाप्त कर दी जाए। यही नहीं संस्थान की ओर से एग्रीकल्चर व फोरेस्ट्री पाठय़क्रमों की सम्बद्धता दिए जाने के संबंध में जो प्रस्ताव दिया गया है उसे भी निरस्त किया जाए(राष्ट्रीय सहारा,देहरादून,2.7.11)।

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