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13 जुलाई 2011

दिल्ली में डॉक्टरों की नियुक्ति का रास्ता साफ

दिल्ली सरकार के अधीन अस्पतालों में डॉक्टरों व अन्य स्टाफ की कमी के कारण मरीजों को भटकना नहीं पड़ेगा। दिल्ली सरकार के वित्त विभाग ने स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों व अन्य स्टाफ की नियुक्ति संबंधी फाइल को मंजूरी दे दी है। इसके अतिरिक्त मंत्रालय द्वारा अस्पतालों में उन्नत चिकित्सीय सुविधाएं मुहैया कराने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। जिन अस्पतालों में आधुनिक उपकरण नहीं लगे हैं, वहां भी आधुनिक उपकरण देने की सरकार की योजना है। स्वास्थ्य मंत्रालय इस दिशा में कार्य कर रहा है कि डॉक्टरों की नियुक्ति संबंधी काडर दिल्ली सरकार का हो। नियुक्ति को लेकर फिलहाल सरकार को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की तरफ देखना पड़ता है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. अशोक कुमार वालिया ने कहा कि दो महीने के अंदर डॉक्टरों की नियुक्ति की प्रक्रिया कर ली जाएगी। विलंब होने की स्थिति में डॉक्टरों को एडहोक के आधार पर भी रखा जाएगा। डॉ. वालिया ने बताया कि दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आती है। इसलिए अभी तक चिकित्सकों की नियुक्ति यूपीएससी के माध्यम से होती है। हमने अपनी मांग के अनुरूप सूची वहां भेजी हैं। दिल्ली सरकार अपना काडर गठित करने का भी विचार कर रही है जिससे यूपीएससी पर निर्भरता न हो। मंत्री ने बताया कि दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में मरीजों को मिल रही सुविधाओं को पहले से बढ़ाया जा रहा है। हालांकि, अभी भी वे पूरी तरह संतुष्ट नहीं है। उसमें काफी सुधार की गुंजाइश की जरूरत है। अस्पताल प्रबंधकों को विशेष दिशा निर्देश दिए गए है। स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से यह भी अध्ययन कराया जा रहा है कि अस्पतालों व डिस्पेंसरियों की जरूरत कहां-कहां है। उन्होंने कहा कि अस्पतालों के लिए 1200 नर्सो की भर्ती की गई है। इसके अतिरिक्त 250 तृतीय श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है। इस समय राजधानी के सरकारी अस्पताल के वार्ड में अनुपात अनुसार एक बिस्तर पर 2.6 मरीज लेटते हैं, जिसमें सुधार के लिए संजय गांधी, लाल बहादुर शास्त्री, गुरु तेग बहादुर अस्पताल में बिस्तर बढ़ाने की दिशा में भी काम चल रहा है। सरकार की नई योजना नए अस्पतालों को खोलने की तो है ही साथ ही ताहिरपुर, जनकपुरी, बुराड़ी अस्पतालों को जल्द शुरू करने की योजना पर भी काम हो रहा है(दैनिक जागरण,दिल्ली,13.7.11)।

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