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02 जुलाई 2011

इंदौरःखराब रिजल्ट के लिए किसे दें सजा

हाई स्कूल परीक्षा में खराब परिणाम देने वाले प्राचार्यो पर सख्त कार्रवाई की बात करने वाले शिक्षा अधिकारी अब असमंजस में हैं। जिन प्राचार्यो को उन्होंने जिम्मेदार ठहराया था, उनमें अधिकांश स्कूल से विदा हो गए। कुछ सेवानिवृत्त हो गए तो कुछ महीनों पहले तबादला कराकर चले गए। अब स्कूल अतिथियों के हवाले हैं। ऐसे में सवाल है कि शिक्षा विभाग सजा दे तो किसे? सेवानिवृत्त हुए प्राचार्यो की वेतनवृद्धि रोकने का सवाल ही नहीं उठता और जो प्राचार्य महीनों पहले तबादला करा गए वे इसके हकदार बनते ही नहीं हैं।

10 में से छह स्कूलों में ऐसे हालात
जिले के 10 हाई स्कूलों में परीक्षा परिणाम 30 प्रतिशत से भी कम रहा। उनमें छह स्कूल ऐसे हैं, जहां प्राचार्य ही नहीं हैं। सभी अतिथियों के भरोसे हैं।

वेतनवृद्धि रोकने के थे आदेश

शिक्षा विभाग ने खराब परिणाम देने वाले स्कूल प्राचार्यो को सजा बतौर वेतनवृद्धि रोकने के आदेश दिए थे। 10 प्रतिशत परिणाम देने वाले प्राचार्यो की दो और 30 प्रतिशत परिणाम देने वालों के लिए एक वेतनवृद्धि रोकने का आदेश था।

एक करोड़ में आएंगे ‘अतिथि’
शिक्षा विभाग इस बार फिर ‘अतिथियों’ को बुलाने पर एक करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च करने जा रहा है। पिछले साल इससे ज्यादा खर्च किए थे लेकिन परीक्षा परिणाम निराशाजनक रहा। न मेरिट में स्थान बना पाए और न ही ठीक ढंग से रिजल्ट दे पाए। कक्षा 12वीं में तो 10 प्रतिशत की गिरावट आ गई। शिक्षा विभाग अतिथियों पर जितना खर्च कर रहा है, इतने में प्राथमिक स्कूल के रिक्त पदों की स्थायी पूर्ति की जा सकती है। प्राथमिक स्तर के सभी पदों की पूर्ति नहीं करें तो कम से कम मिडिल और प्राइमरी के 50 फीसदी पद भर सकते हैं। जिले में इस बार संविदा के आधार पर वर्ग, एक, दो व तीन में 350 से ज्यादा अतिथि शिक्षकों को आमंत्रित किया जा रहा है। वर्ग एक व दो के लिए 200 से ज्यादा व तीन में 100 ज्यादा शिक्षकों को भर्ती किया जाएगा। इनकी नियुक्ति पर सालभर के दौरान 1.20 करोड़ से ज्यादा रुपए खर्च होंगे।

अतिथि की तरह आते हैं, वैसे ही पढ़ाते हैं
स्थायी नौकरी नहीं होने के कारण अतिथि शिक्षक स्कूलों में अतिथि की तरह ही पढ़ाते हैं और चले जाते हैं। यही कारण है कि परीक्षा परिणाम ठीक नहीं आता। इस बार हाई और हायर सेकंडरी स्तर के 50 से ज्यादा स्कूल हैं जहां परीक्षा परिणाम 60 फीसदी से कम रहा है। प्राइमरी और मिडिल में और भी बेकार स्थिति है। 

भर सकते हैं शिक्षकों के 100 पद
अतिथि शिक्षकों पर खर्च होने वाले 1.20 करोड़ रुपए से शिक्षा विभाग रिक्त पड़े सहायक शिक्षक के १क्क् पद भर सकता है। एक सहायक शिक्षक को वेतन देने के लिए कम से कम 12 हजार रुपए (छठा वेतनमान सहित) की जरूरत होती है। इस हिसाब से जिले में 100 पदों की पूर्ति हो सकती है(राकेश सोन,दैनिक भास्कर,इन्दौर,2.7.11)।

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