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28 जुलाई 2011

यूपीःराजकीय स्कूलों में शिक्षकों का अकाल

इस तालिका में दर्ज है राजधानी के कुछ राजकीय विद्यालयों का हाल। कक्षाओं में बैठे विद्यार्थी शिक्षकों के इंतजार में घडि़यां गिनते रहते हैं लेकिन मास्टर साहब को बीएलओ ड्यूटी से फुर्सत ही नहीं मिलती। सेवानिवृत्त के कारण राजकीय विद्यालयों में शिक्षकों की कमी हो गई है। छात्र संख्या के मामले में समृद्ध इन विद्यालयों में शिक्षकों की कमी से पढ़ाई प्रभावित हो रही है। शिक्षकों के न होने से बच्चे इंटरवल के बाद अक्सर घर लौट जाते हैं। निशातगंज स्थित शिक्षा परियोजना कार्यालय से सटे राजकीय इंटर कॉलेज की कक्षाएं सूनी हैं। यह विद्यालय राजधानी में माध्यमिक शिक्षा का केंद्र है। विद्यालय में छात्रों की संख्या करीब बारह सौ है लेकिन शिक्षकों की ज्यादातर कुर्सियां खाली हैं। पिछले सत्र में 36 शिक्षकों के स्टॉफ वाले विद्यालय में इस समय सिर्फ 13 शिक्षक शेष हैं। विद्यालय के कार्यवाहक प्रधानाचार्य आरके वर्मा बताते हैं कि आठ शिक्षक सेवानिवृत्त हो चुके हैं, जबकि 12 की ड्यूटी जनगणना से संबंधित काम में लगी है। दो शिक्षकों को हेड मास्टर बनाकर किसी दूसरे विद्यालय में भेज दिया गया है और एक शिक्षक संयुक्त शिक्षा निदेशालय में संबद्ध है। राजकीय हुसैनाबाद इंटर कॉलेज के आधे शिक्षक तो इस समय बीएलओ (बूथ लेवर ऑफीसर) के पद पर तैनात कर दिए गए हैं। प्रधानाचार्य डॉ.सच्चिदानंद यादव बताते हैं कि स्कूल में करीब 870 छात्र हैं। विद्यालय में 22 एलटी ग्रेड के शिक्षक हैं, जिनमें से दो संयुक्त शिक्षा निदेशालय में संबद्ध हैं और दस की ड्यूटी जनगणना में लगी है। इस वर्ष यूपी बोर्ड परीक्षा में अपने प्रदर्शन से सभी को चौंका देने वाला राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज भी शिक्षकों की कमी से जूझ रहा है। चार शिक्षक संयुक्त शिक्षा निदेशालय और छह दूसरे विद्यालय में संबद्ध हैं। प्रधानाचार्य जीएस भदौरिया बताते हैं कि इस वर्ष 11 शिक्षक सेवानिवृत्त होने से पढ़ाई प्रभावित हो रही है(नीरज सिंह,दैनिक जागरण,लखनऊ,28.7.11)।

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