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07 जुलाई 2011

यूपीःपीएचडी दाखिले में लागू होगी समान व्यवस्था

शासन ने राज्य विश्वविद्यालयों में पीएचडी में प्रवेश के लिए समान व्यवस्था लागू करने का फैसला किया है। इस बारे में शासन ने आदेश जारी करते हुए यह तय किया है कि जिन राज्य विश्वविद्यालयों में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (पीएचडी डिग्री न्यूनतम मानक एवं विधि) विनियमन 2009 के अनुरूप अभी तक शोध में प्रवेश के लिए नीति या प्रक्रिया नहीं निर्धारित हो सकी है तथा शोध में दाखिले के लिए 2011 में कोई प्रवेश परीक्षा आयोजित नहीं की गई है, उनमें संयुक्त प्रवेश परीक्षा के जरिये पीएचडी में दाखिले की कार्यवाही की जाए। संयुक्त प्रवेश परीक्षा और उसकी प्रक्रिया के बारे में शासन को प्रस्ताव उपलब्ध कराने के लिए फैजाबाद के डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.आरसी सारस्वत की अध्यक्षता में एक समन्वय समिति गठित कर दी गई है। समिति शीघ्र ही शासन को अपनी रिपोर्ट देगी। यूजीसी ने शोध की गुणवत्ता में हो रही गिरावट को रोकने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (पीएचडी डिग्री न्यूनतम मानक एवं विधि) विनियमन 2009 जारी किया था। इसका उद्देश्य शोध के मानकों में राष्ट्रीय स्तर पर गुणवत्ता और एकरूपता लाना है। लखनऊ, मेरठ और गोरखपुर विश्वविद्यालयों में पीएचडी में प्रवेश के लिए यूजीसी के विनियमन 2009 के आधार पर प्रवेश परीक्षा संपन्न हो चुकी है या आयोजित की जा रही है। इसलिए शासन ने यह तय किया है कि इन तीन विश्वविद्यालयों में सत्र 2011-12 में शोध में दाखिले यूजीसी के विनियमन पर आधारित प्रवेश परीक्षा के जरिये ही किये जाएं। शेष विश्वविद्यालयों में शोध में दाखिले के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा होगी। संयुक्त प्रवेश परीक्षा का प्रस्ताव उपलब्ध कराने के लिए गठित समन्वय समिति के अध्यक्ष प्रो. सारस्वत ने शासन को बताया है कि समिति की पहली बैठक आगरा विश्वविद्यालय में और अंतिम बैठक बरेली विश्वविद्यालय में होगी। शासन ने विश्वविद्यालयों में संचालित 63 विषयों के पाठ्यक्रमों के मानकीकरण के लिए विश्वविद्यालयों के बोर्ड ऑफ स्टडीज की विशेष बैठक बुलाकर पाठ्यक्रमों पर विचार करने के लिए कुलपतियों को आदेश जारी कर दिया है। कुलपतियों से यह भी कहा गया है कि बोर्ड ऑफ स्टडीज के निर्णय से वे शासन और सहगल समिति को 15 जुलाई तक अवगत करा दें। सहगल समिति ने विश्वविद्यालयों में एक समान पाठ्यक्रम लागू करने की सिफारिश की थी(दैनिक जागरण,लखनऊ,7.7.11)।

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