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09 जुलाई 2011

यूपी के सेवायोजन कार्यालयों का नाम ही नहीं,काम भी बदलेगा

सेवायोजन कार्यालय की कार्यप्रणाली में बदलाव ही नहीं होगा बल्कि उसका नाम भी बदल जाएगा। अब शिक्षित बेरोजगारों को नौकरी की जानकारी देने के साथ ही यह कार्यालय पंजीकृत बेरोजगार अभ्यर्थियों को मल्टीनेशनल कम्पनियों की मांग के अनुरूप प्रशिक्षण देकर नौकरी करने लायक बनाएगा। इसके लिए सेवायोजन एवं प्रशिक्षण निदेशालय स्तर पर प्रस्ताव तैयार कर केन्द्र सरकार के पास भेजा गया है। यदि वहां से हरी झण्डी मिल गयी तो रोजगार दफ्तर का नाम व काम दोनों में बदलाव हो जाएगा। प्रस्ताव में सेवायोजन कार्यालयों का नाम बदलकर वोकेशनल गाइडेंस एण्ड काउसलिंग सेण्टर रखने की बात कही गयी है। देशभर में 2022 तक तकनीकी योग्यता रखने वालों की बढ़ती मांग को मददेनजर 15 सौ नये आईटीआई खोलने की बात भी प्रस्ताव में कही गयी है। इसके साथ ही 50 हजार डेवलपमेण्ट सेण्टर और माडय़ूलर इम्प्लाइबल स्किन्ड(एमईएस) योजना के तहत पूरे देश में वोकेशनल ट्रेनिग सेण्टर खोलने की तैयारी है। कुछ दिन पहले केन्द्र सरकार ने बेरोजगारी दूर करने के लिए बाजार का सर्वेक्षण कराया था। यह सर्वे नेशनल सेम्पल सर्वे आर्गेनाइजेशन (एनएसएसओ) द्वारा किया गया था। इसमें यह तथ्य निकलकर सामने आया कि तकनीकी योग्यता रखने वालों की मांग प्रतिवर्ष कई गुना बढ़ रही है। इन्हीं आंकड़ों को देखते हुए सेवायोजन एवं प्रशिक्षण निदेशालय ने तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। क्षेत्रीय सेवायोजन अधिकारियों का कहना है कि अगर केन्द्र सरकार ने निदेशालय द्वारा भेजे गये प्रस्ताव पर हरी झण्डी दे दी तो तकनीकी योग्यता रखने वालों के लिए नौकरी के लिए नये दरवाजे खुल जाएंगे। उधर राजधानी में लालबाग स्थित क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय को नये रंग रोगन के साथ तैयार करने का प्रस्ताव है। यहां पर विकलांग शिक्षित बेरोजगारों के पंजीकरण के साथ ही उनकी योग्यता व कार्यकुशलता के आधार पर रोजगार के लिए प्रशिक्षित करके तैयार किया जाएगा। पंजीकरण की प्रक्रिया भी आसान की जाएगी। इतना हीं नहीं पंजीकृत अभ्यर्थी घर बैठे अपना नाम व रोजगार की जानकारी हासिल कर लेगा। इसके लिए सभी कार्यालयों को आनलाइन किये जाने की तैयारी भी शुरू हो गयी है(राम सुरेश पाल,राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,9.7.11)।

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