छत्रपति शाहूजी महाराज चिकित्सा विवि के अगले कुलपति क्या विदेशी होंगे? क्या इंजीनियर और आइएएस भी कुलपति पद के दावेदार होंगे? हाल ही में शासन द्वारा तैयार चिकित्सा विवि की पहली और नई परिनियमावली कम से कम यही कहती है। चिविवि शिक्षक संघ के मुताबिक नई परिनियमावली को लेकर शिक्षकों में रोष है। मंगलवार को मामले को लेकर आमसभा की जाएगी। संघ के अध्यक्ष प्रो.एके वैश्य और महासचिव डॉ.संजय खत्री ने शुक्रवार को परिनियमावली पर चर्चा करने के बाद यह फैसला किया है। डॉ.खत्री ने बताया कि नई परिनियमावली के मुताबिक चिविवि का कुलपति कोई भी प्रतिष्ठित व्यक्ति हो सकेगा। यह व्यक्ति कोई विदेशी भी हो सकता है। खास बात है कि चिविवि एक्ट इस मामले में परिनियमावली का साथ नहीं दे रहा है। इतना ही नहीं चिकित्सा विवि का लाइब्रेरियन भी कोई बाहर का व्यक्ति होगा। अब तक यह कार्यभार विवि के किसी वरिष्ठ शिक्षक के पास होता है। दरअसल यहां के पुस्तकालय में सिर्फ मेडिकल संबंधी किताबें रहती हैं, लिहाजा लाइब्रेरियन भी मेडिकल फील्ड के एक्सपर्ट को बनाया जाता रहा है। हालांकि अब ऐसा नहीं होगा। यही नहीं शिक्षकों की सेवा समाप्ति या निलंबन का अधिकार भी अब कुलपति के हाथों में होगा, अब तक एक्जीक्यूटिव काउंसिल की सहमति के बिना ऐसा संभव नहीं था। इसी क्रम में परिनियमावली में विवि कुलसचिव को कर्मचारियों के निलंबन और सेवा समाप्त करने का अधिकार दिया गया है(दैनिक जागरण,लखनऊ,30.7.11)।
...तो बस हो गया फ़ैसला, अब IAS ही हुआ करेंगे वी.सी.
जवाब देंहटाएंबाक़ी तो बस बाट ही जोहा करेंगे बेचारे.