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08 जुलाई 2011

झारखंडःइंटर कॉलेजों में विज्ञान संकाय पर संकट

इंटर कॉलेजों के विज्ञान संकाय पर संकट उत्पन्न हो गया है। शिक्षकों को इस वर्ष भी अनुदान में भारी कटौती का सामना करना पड़ेगा। नियम के अनुसार 40 फीसदी या अधिक विद्यार्थी पास होने पर ही सरकार अनुदान देगी। पिछले वर्ष विज्ञान संकाय का रिजल्ट 30 फीसदी के करीब था। इस वर्ष इसमें और कमी आ गई। मात्र 28 फीसदी छात्र ही इंटर साइंस की परीक्षा पास कर पाए। छात्रों की असफलता का सबसे बड़ा खामियाजा इंटर कॉलेज के शिक्षकों को भुगतना पड़ेगा।

वित्तीय वर्ष 2011-12 की अनुदान राशि का प्रस्ताव तैयार करने की कवायद सरकार के स्तर पर शुरू होनेवाली है। इस वर्ष तो इंटर परीक्षा का कुल परिणाम ही 42 फीसदी के करीब रहा। अंगीभूत व डिग्री कॉलेजों में अलग से इंटर के लिए शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई है। इस स्थिति में वहां के शिक्षकों पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाती है। दंडात्मक कार्रवाई की मार से केवल इंटर कॉलेज के शिक्षक ही प्रभावित हो रहे हैं। इस वर्ष तो संताल परगना के इंटर कॉलेजों में फिर विज्ञान संकाय के शिक्षकों के अनुदान पर संकट उत्पन्न हो गया है। अनिश्चितता की स्थिति के कारण शिक्षक अब दूसरी राह तलाशने में जुट गए हैं। पड़ोसी राज्य बिहार में वित्तरहित संस्थानों को बड़ी राशि मिलने से शिक्षकों का वहां के संस्थानों के प्रति रुझान बढ़ गया है।
'इंटर कॉलेज के शिक्षकों का वर्ष 2010-11 का अनुदान अभी तक नहीं वितरित किया गया है। इसमें भी प्राप्तांक प्रतिशत के आधार पर कटौती की गई है। वर्ष 2011-12 में कटौती की गई तो कई कॉलेज बंद हो जाएंगे।'
- डा. सुनील कुमार सिन्हा, प्रधान महासचिव, झारखंड इंटर शिक्षक संघ(दैनिक जागरण,रांची,8.7.11)

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