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09 जुलाई 2011

छत्तीसगढ़ःमेडिकल कॉलेज दाखिला फर्जीवाड़े की जांच तेज़

मेडिकल कालेज में दाखिले के लिए गोलमाल करने के संदेह में 32 चिकित्सा छात्र शुक्रवार को सीआईडी के सामने हाजिर हुए। सीआईडी के अफसरों ने मेडिकल कालेज के प्रभारी डीन डा. एन गांधी की मौजूदगी में छात्रों के हस्ताक्षर और अंगूठे के निशान लिए। विशेषज्ञों ने नमूनों की जांच शुरु कर दी है। दावा किया जा रहा है कि रिपोर्ट आने के बाद फर्जीवाड़ा करने वाले बेनकाब हो जाएंगे।

‘दैनिक भास्कर’ ने दो दिन पहले ही यह बात उजागर कर दी थी कि फर्जीवाड़ा करने वाले अब ज्यादा दिनों तक छिप नहीं सकेंगे।सीआईडी और मेडिकल कालेज प्रशासन ने मिलकर फर्जीवाड़ा करने वालों का पर्दाफाश करने की योजना बनाई।उसी योजना के तहत मेडिकल कालेज के डीन ने नोटिस जारी की।

छात्रों को 8 जुलाई को सुबह डीन कक्ष में हाजिर होने का निर्देश दिया गया। तयशुदा समय पर हाजिर न होने वाले छात्रों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई थी।योजना सफल रही।शुक्रवार को सुबह 11 बजे संदेह के घेरे में फंसे छात्र डीन कक्ष में जमा हो गए। कालेज में शुक्रवार को 2007 की बैच वाले चिकित्सा छात्रों की प्रायोगिक परीक्षा थी। इस वजह से नमूने लेने का कार्य दोपहर बाद शुरु हुआ।


शाम छह बजे नमूने लेने का काम पूरा हो गया। सीआईडी टीम का नेतृत्व वीरेंद्र सतपथी कर रहे थे। टीम के पहुंचने के बाद कॉलेज में खलबली मच गई। छात्रों के बीच संदिग्धों की चर्चा होती रही।
एक घंटे इंतजार किया टीम ने : 

मेडिकल कॉलेज में जांच के लिए सीआईडी की टीम दोपहर 2 बजे पहुंच गई। उस समय तक छात्रों की प्रायोगिक परीक्षा खत्म नहीं हुई थी। इसलिए टीम को कॉलेज परिसर में ही एक घंटे इंतजार करना पड़ा। 

बंद हॉल में लिए नमूने : 

संदेह के घेरे में फंसे छात्रों को मेडिकल कालेज की चौथी मंजिल के लेक्चर हाल नंबर-4 में बुलाया गया था। यह कालेज के ऐसे हिस्से में है, जहां लोगों की आवाजाही कम है। सुरक्षा और गोपनीयता के लिहाज से यह जगह चुनी गई थी। हॉल का दरवाजा बंद करके नमूने लिए गए। मीडिया कर्मियों के पहुंचने के बाद छात्रों ने चेहरा छिपाने की गरज से टेबल में सिर झुका लिया। किसी ने चेहरे पर हाथ रखकर अपनी पहचान छिपाने की कोशिश की तो किसी ने टेबल के नीचे चेहरा कर लिया। 

मैं क्यों डरूं : 

सीआईडी की जांच के बाद अभिनव कुमार गिलहरे ने पत्रकारों का साहस से सामना किया।उसने बेखौफ कहा कि मैंने को गड़बड़ी नहीं की है। मैं किसी भी जांच का सामना करने को तैयार हूं। अभिनव ने 2010 की परीक्षा में जनरल कैटेगरी में 48वां स्थान और एसटी वर्ग में टॉप किया था।

12 बिंदुओं पर सवाल जवाब : 

सीआईडी की टीम ने संदिग्ध छात्रों से अंगूठे के निशान और हस्ताक्षर के नमूने लेने के साथ उनसे 12 बिंदुओं पर सवाल जवाब भी किए। छात्रों से नाम, उनके माता-पिता का नाम, घर का पता, घर के आस-पास लैंड मार्क, पांचवी,आठवीं, 10 और 12 वीं की परीक्षा कहां से पास की। इसके अलावा परीक्षा से जुड़े सवाल किए। सवाल जवाब के दौरान सीआईडी ने व्यापमं से मिले दस्तावेजों का मिलान भी किया। सवाल जवाब के दौरान कुछ ने टालमटोल जवाब दिया। वे सीआईडी की नजर में आ गए हैं।

जांच भी शुरू, तीन दिन में रिपोर्ट

हस्ताक्षर और अंगूठे के निशान का नमूना लेने के बाद कालेज के हाल में ही फोरेंसिक विशेषज्ञ और हैंड राइटिंग एक्सपर्ट को बुलाकर जांच शुरु कर दी गई थी। सीआईडी ने पहले ही व्यापमं से छात्रों के दस्तावेज ले लिए है।ओएमआरशीट और हस्ताक्षर से संबंधित कागजों की फाइल अलग तैयार की गई है। सीआईडी को आशंका है कि जांच में फर्जीवाड़ा का खुलासा होने के बाद कुछ चिकित्सा छात्र गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार हो सकते हैं। 

इस वजह से अभी से घेरेबंदी की जा रही है। रिपोर्ट तीन दिन के भीतर तैयार कर ली जाएगी।

इन छात्रों के लिए गए नमूने

बैच 2007 के : दिनेश राम, ललित सिंह, अनिरुध्द कसार, शरद चंद्र गुप्ता, आशीष नीरे, किसलय कुमार उइके, रविंद्र सिदार, प्रफुल्ल ताम्रकार, उमेश भगत, पुष्पेंद्र सिंह राठौर, देवेंद्र प्रताप सिंह, मनीष मार्कण्डेय और संदीप जायसवाल

बैच 2008 : अनुराग यादव, मनीष कुमार नाग, भूपेंद्र चंद्राकर, राकेश कुमार खुंटे, मोहनलाल गुप्ता

बैच 2009 : सुमित कुमार कुजूर, श्वेता सोनवानी, नरेंद्र रात्रे, सुभाष सिंह, चंद्रशेखर जायसवाल, चंद्रेश चंद्रवंशी, वीरेंद्र अनंत, लोचन साय पैकरा, धमेंद्र कुमार, अंजू बाला, राहुल कुमार कुशवाहा, देवव्रत यदु राय, अमित कुमार भगत, अंजू बालारानी वर्मा, चंद्रभान सिंह बघेल, श्रेया शर्मा, प्रमोद कुमार सिदार, अमित तिवारी, संजय कुमार खांडे, आलोक कुमार मिंज, मनीष कुमार श्रेय, सुभाष चंद्र बांधे और अमित कुमार

बैच 2010 : दिनेश कुमार जायसवाल, मनीष तिवारी और अभिनव कुमार गिलहरे(दैनिक भास्कर,रायपुर,9.7.11)।

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