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31 जुलाई 2011

आईआईएम :लोकतंत्र के लिए बदलना होगा पाठ्यक्रम

लोकतंत्र की मजबूती के लिए यह जरूरी हो गया है कि अब आईआईएम संस्थानों के पाठ्यक्रमों में परिवर्तन किया जाए। इसके लिए प्रबंधन शिक्षा के साथ साथ पाठ्यक्रम में सामाजिक विषमताओं को दूर करने, ग्रामीण क्षेत्रों में टेक्निकल मेन पावर बढ़ाने जैसे कंसेप्ट जोड़े जाने चाहिए। यह विचार केंद्रीय डॉ. सीपी जोशी ने बतौर मुख्य अतिथि शनिवार को प्रदेश के पहले आईआईएम के उद्घाटन अवसर पर रखे।

उन्होंने कहा कि 12वीं पंचवर्षीय योजना में शिक्षा और स्वास्थ्य पर पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के आधार पर योजनाएं बनाई जानी हैं। इसके लिए विश्व स्तरीय मेन पावर की आवश्यकता होगी। खुद, प्रधानमंत्री का भी मानस है कि यदि ग्रामीण क्षेत्रों में विकास दर को और अधिक ऊंचा लाना है तो अधिक से अधिक संख्या में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देना होगा।


इनोवेशन बेस्ड स्टडी है प्राथमिकता : 

उदयपुर आईआईएम के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के चेयरपर्सन सीके बिड़ला ने बताया कि उदयपुर आईआईएम को लेकर हमने इनोवेशन बेस्ड स्टडी की प्लानिंग की है। सोशल और इकॉनोमिक के साथ अन्य फीचर को भी शामिल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि उदयपुर में टूरिज्म का खासा स्कोप है, इस कारण स्टूडेंट्स के लिए इस फील्ड में कुछ बेहतर करने का मौका मिलेगा। जिसका फायदा यहां की जनता और प्लानर को भी मिलेगा।

जोशी ने ली 20 मिनट क्लास

प्रदेश के पहले आईआईएम के उद्घाटन अवसर पर केंद्रीय मंत्री डॉ. सीपी जोशी ने पहले सत्र के 58 विद्यार्थियों से 20 मिनट तक इंट्रैक्शन किया। डॉ. जोशी ने स्टूडेंट्स को रिसर्च, टीचिंग और इंट्रैक्शन के माध्यम से अपनी सोच को विश्व स्तरीय बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि शोध कार्यो के विषय क्षेत्र या राज्य पर ही आधारित नहीं हों, बल्कि इसके लिए राष्ट्र को लक्ष्य बनाना होगा। 

किसी विषय पर जितना ज्यादा इंट्रैक्शन होगा, उसके परिणाम उतने ही सार्थक होंगे। इतना ही नहीं योजना को बनाने में भी काफी हद तक सहायता मिल पाएगी। इस अवसर पर स्टूडेंट्स ने भी उच्च शिक्षा और सड़क परिवहन से जुड़े प्रश्न पूछे(दैनिक भास्कर,उदयपुर,31.7.11)।

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