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31 जुलाई 2011

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालयःपूरे सेशन का बनेगा एक कैलेंडर

प्रो . हेम चंद गुप्ता ने 1 जुलाई , 2011 को चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ( सीसीएसयू ) के वाइस चांसलर का पदभार ग्रहण किया था। उन्होंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से सन् 1967 में बीएससी और 1969 में एमएससी की पढ़ाई पूरी की थी। वे दोनों क्लासेज में यूनिवसिर्टी के टॉपर रहे। 1972 में उन्होंने आईआईटी दिल्ली से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। 1990 में आईआईटी दिल्ली में प्रफेसर के पद पर उनकी नियुक्ति हुई। अब तक वे 200 से अधिक शोध पत्र लिख चुके हैं। उनके गाइडेंस में 21 छात्र पीएचडी कर चुके हैं। उन्हें 30 साल का प्रशासनिक अनुभव है। आईआईटी दिल्ली में वे वॉर्डन , असोसिएट डीन , डीन ऑफ स्टूडेंट्स के अलावा वह गेट और जेएमईटी जैसे महत्वपूर्ण एग्जाम्स के चेयरमैन पद के दायित्व को सफलता पूर्वक निभा चुके हैं।

सीसीएसयू में नए सेशन में एडमिशन प्रोसेस में हो रही देरी को लेकर सवाल उठ रहे हैं। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और एडमिशन फॉर्म जमा करने की लास्ट डेट बढ़ने से स्टूडेंट्स के साथ - साथ पैरंट्स के मन में यह सवाल है कि क्या ऐसे में क्लासेज समय पर शुरू हो पाएंगी ? अगर क्लासेज समय पर शुरू नहीं होगी तो क्या सिलेबस समय पर पूरा हो पाएगा ? एग्जाम और रिजल्ट में होने वाली देरी का खमियाजा स्टूडेंट्स को नहीं भुगतना पड़ेगा ? इन सवालों के अलावा यूनिवसिर्टी और स्टूडेंट्स से जुड़ी अन्य समस्याओं पर सीसीएसयू के वाइस चांसलर प्रो . हेम चंद गुप्ता से बातचीत की मेरठ से हमारे संवाददाता प्रेम देव शर्मा ने :

सवाल : सीसीएसयू में पिछले दिनों एडमिशन की तारीख बढ़ा दी गई , जिससे छात्रों को होने वाले नुकसान और यूनिवसिर्टी की छवि के बारे में आप क्या कहना चाहेंगे ?


जवाब : मैं यहां आईआईटी दिल्ली से आया हूं , जो अपने अनुशासन के लिए जाना जाता है। सीसीएसयू को भी मैं एक अनुशासित विश्वविद्यालय के रूप में देखना चाहता हूं। इसके लिए आईआईटी दिल्ली की तरह ही पूरे सेशन का कैलेंडर बनाने की योजना है। हमारी पूरी कोशिश होगी कि कैलेंडर के मुताबिक ही यूनिवसिर्टी का सेशन चले। भविष्य में विश्वविद्यालय से जुड़े सभी कॉलेजों का एडमिशन प्रोसेस भी एक ही तारीख पर शुरू किया जाएगा। 

सवाल : अब तक सेशन नियमित न होने के पीछे क्या वजह हो सकती है ? 
जवाब : इसके पीछे कई वजहें हैं , जिसमें सबसे बड़ी वजह है विश्वविद्यालय प्रशासन में दृढ़ इच्छाशक्ति की कमी होना। अब हमने दृढ़ निश्चय कर लिया है कि विश्व विद्यालय में शिक्षा का वातावरण स्वच्छ हो। 

सवाल : विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की लास्ट डेट बढ़ाकर 30 जुलाई कर दी थी। 7 अगस्त को एडमिशन कंप्लीट कर लेने की बात कही गई थी। क्या इतने कम समय में एडमिशन संभव हो पाएगा ? 
जवाब : जैसा कि अभी मैंने बताया कि हम विश्वविद्यालय का सेशन नियमित करना चाहते हैं। इसलिए कुछ काम तेज गति से निपटाने होंगे। बीए , बीएससी आदि कोर्स के लिए अब तक कालेजों में उपलब्ध सीटों से दुगने रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। इन कालेजों के अनुरोध पर मैंने उन्हें अब तक हुए रजिस्ट्रेशन के आधार पर कट ऑफ लिस्ट बनाकर 50 प्रतिशत सीटों पर एडमिशन करने की अनुमति दे दी है। बीबीए और बीसीए में अभी कम रजिस्ट्रेशन हुए हंै , इसलिए उनमें अभी एडमिशन की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। इस सब के पीछे मेरा मकसद 8 अगस्त से कालेजों मंे क्लासेज शुरू कराने का है। 

सवाल : विश्व विद्यालय में टीचिंग और नन टीचिंग स्टाफ की भारी कमी है। ऐसे में आप अपने मिशन में कैसे कामयाब होंगे ? 
जवाब : आपने ठीक कहा। यह हमारे सामने एक बड़ी समस्या है। वर्तमान में विश्वविद्यालय से करीब 6 लाख स्टूडेंट्स , 450 से ज्यादा सेल्फ फाइनैंस कॉलेज और 63 गवर्नमेंट एडेड कॉलेज जुड़े हंै। इतने बड़े निकाय को बिना मैन पावर के मैनेज नहीं किया जा सकता है। शिक्षकों की नियुक्तिपर कोर्ट से लगी रोक को हटवाने की कोशिश की जा रही है। साथ ही विश्वविद्यालय में स्टॉफ बढ़ाने के लिए शासन से अनुमति लेने की भी प्लानिंग है। 

सवाल : यदि शासन से आपको स्टॉफ बढ़ाने की अनुमति नहीं मिल पाई तो आप क्या करेंगे ? 
जवाब : हम शासन से स्टाफ बढ़ाने के लिए अनुमति प्राप्त करने की हर संभव कोशिश करेंगे। यदि हमें इसके बावजूद सफलता नहीं मिली तो हम शासन से आग्रह करेंगे कि वह इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय की तरह सीसीएसयू को भी दो हिस्सों में बांट दे। 

सवाल : गाजियाबाद में 11 और नोएडा में एक गवर्नमेंट एडेड कॉलेज हैं। नोएडा में सेल्फ फाइनैंस कॉलजों की भरमार है। ऐसे कॉलेजों में पढ़ाई गवर्नमेंट कॉलेजों की अपेक्षा 10 गुना महंगी है। गवर्नमेंट एडेड कॉलेजों की संख्या बढ़ाने के लिए आपकी क्या योजना है ? 
जवाब : यह वीसी के स्तर का मामला नहीं है। इसके लिए शासन से आने वाले आदेश के मुताबिक ही काम होते हैं। मैं मानता हूं की इन शहरों में गवर्नमेंट एडेड कॉलेजों की संख्या बढ़नी चाहिए। इसके लिए मैं शासन से अनुरोध करूंगा। 

सवाल : गवर्नमेंट एडेड कॉलेजों में उन कोसेर्ंज की कमी देखी जा रही है , जिनकी माकेर्ट में डिमांड है। इसका फायदा सेल्फ फाइनैंस कॉलेज उठा रहे हैं ? 
जवाब : जल्द ही मैं सभी कॉलेजों को निदेर्श देने जा रहा हूं कि वे अपने यहां उन कोसेर्ज को शुरू करें , जिनकी माकेर्ट में डिमांड है। 

सवाल : विश्वविद्यालय में रिसर्च की क्वॉलिटी को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं ? 
जवाब : इस समय पूरे देश में ही रिसर्च की क्वॉलिटी में सुधार की आवश्यकता है। मैंने फैसला किया है कि विश्वविद्यालय में आने वाली हर रिसर्च की रिपोर्ट की खुद स्टडी करूंगा। यदि उसमें कोई कमी होगी तो उसे दूर कराने की हर संभव कोशिश की जाएगी। रिसर्च की क्वॉलिटी को सुधारने के लिए और भी प्रयास किए जाएंगे। 

सवाल : शिक्षा के व्यवसायीकरण पर आप की क्या राय है ? 
मेरा मत है कि शिक्षा का व्यवसायीकरण नहीं होना चाहिए(नवभारत टाइम्स,दिल्ली,30.7.11)।

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