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31 जुलाई 2011

कुंवारे शिक्षकों का ब्याह कराने में जुटा केंद्रीय विद्यालय संगठन

केंद्रीय विद्यालय संगठन इन दिनों अपने अविवाहित अध्यापकों व कर्मचारियों का रिश्ता तय कराने में भी प्रभावी भूमिका निभा रहा है। केवीएस की कोशिश से हाथों में मेंहदी रचने के इंतजार में बैठी कई महिला कर्मचारियों के हाथ पीले हो गए तो कई पुरुष अध्यापकों के सिर सेहरा भी बंध गया। देश भर में 1 लाख 30 हजार छात्रों को शिक्षा प्रदान करने में जुटे 1076 स्कूलों के 49,291 अध्यापकों व कर्मचारियों का संचालन करने वाला केवीएस इन दिनों उनका रिश्ता कराने में जुटा है। संगठन ने अपने डाटाबेस से कुंवारे कर्मचारियों की सूची निकाल उनकी सहमति के बाद अपनी वेबसाइट पर जारी करना शुरू किया है। इसके लिए बाकायदा मेट्रिमोनियल नामक अलग कॉलम बनाया गया है। कॉलम में आज लगभग डेढ़ सौ नाम सूचीबद्ध है। इनमें महिला व पुरुष दोनों कर्मचारियों के नाम, पद, पता, फोन नंबर व ईमेल जैसी आवश्यक सूचनाएं शामिल की गई हैं। संगठन के अधिकारियों के मुताबिक यह कॉलम दिनों दिन लोकप्रियता हासिल करता जा रहा है। विश्वसनीय जानकारी होने के कारण अविवाहित लोगों का रिश्ता जुड़ने में तो मदद हो ही रही है रिश्ता करने के इच्छुकों को भी काफी आसानी हो रही है(अविनाश चंद्र,दैनिक जागरण,दिल्ली,31.7.11)।

3 टिप्‍पणियां:

  1. शिक्षा के साथ साथ शादी भी अच्छा काम बधाई हो

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  2. लानत है इस संगठन के कर्ता-धर्ताओं पर जिनकी वजह से इतने कर्मचारी कंवारे बैठे हैं यहां.

    यह बात सभी को पता है कि इस संगठन में काम करने वाले कर्मचारियों (शिक्षक, लायब्रेरियन इत्यादि सहित) को शादी-व्याह में बहुत दिक़्कत आती है क्योंकि इनके यहां कोई तबादला नीति नहीं है, किसी का भी कान उमेठ कर अगले दिन भारत में कहीं भी स्थानांतरित कर दिया जाता है.

    हाल ही में ख़बर तो ये भी पढ़ी थी कि यहां का एक उच्चाधिकारी उन महिला कर्मचारियों के शारिरिक शोषण में लिप्त पाया गया था जो स्थानांतरण से दुखी होकर उसके यहां चक्कर काटा करती थीं.

    अगर सरकार इस संगठन में सुधार चाहती है तो नीति होनी चाहिये कि (1) प्रत्येक कर्मचारी का नियुक्ति के ही समय होम-स्टेट तय होना चाहिये (2) कोई भी कर्मचारी 100-150 किलोमीटर से दूर नहीं भेजा जाएगा ताकि परिवार-संस्था के प्रति कर्मचारी अपने उत्तरदायित्वों को निर्वहन कर सके.

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