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30 जुलाई 2011

अमेरिका में एक और विवि निकला फर्जी,2400 भारतीय छात्रों का भविष्य अधर में

कैलिफोर्निया स्थित ट्राय वैली विश्वविद्यालय (टीवीयू) द्वारा भारतीय छात्रों के साथ धोखाधड़ी के बाद अमेरिकी अधिकारियों ने एक और विश्र्वविद्यालय पर छापा मारा है। यहां पढ़ने वाले छात्रों में 90 फीसदी भारतीय हैं। गुरुवार को दिन भर चले घटनाक्रम में कई संघीय विभागों के दर्जन भर अधिकारी यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्दर्न वर्जीनिया (यूएनवीए) के अनाडेल परिसर के दफ्तर में छानबीन करते रहे। इनमें इमिग्रेशन एंड कस्टम एनफोर्समेंट (आइसीई) और संघीय जांच एजेंसी एफबीआइ के अधिकारी भी थे। वह अपने साथ भारी मात्रा में दस्तावेज और कंप्यूटर के हार्ड ड्राइव्स ले गए(दैनिक भास्कर,30.7.11)।

दैनिक जागरण की रिपोर्टः
घोटाले के आरोपों में घिरे अमेरिका के नॉदर्न वर्जीनिया विश्वविद्यालय (यूएनवी) में छापेमारी के बाद भारत ने वहां पढ़ रहे छात्रों के भविष्य को लेकर चिंता जताई है। नई दिल्ली ने वाशिंगटन से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों का किसी तरह उत्पीड़न न हो। साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया कि भारतीय छात्रों के पास अमेरिका में पढ़ने के लिए वैध दस्तावेज हैं। इस विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले 2400 छात्रों में से अधिकतर भारतीय हैं लिहाजा भारत की परेशानी पर चिंता की लकीरें भी स्वाभाविक थी। इस मामले पर अमेरिका के आव्रजन विभाग के साथ लगातार संपर्क में रहे विदेश मंत्रालय का कहना है कि विश्वविद्यालय के छात्रों की सामूहिक बर्खास्तगी नहीं होगी। मंत्रालय प्रवक्ता विष्णु प्रकाश के मुताबिक अमेरिका की ओर से यह बताया गया है कि जांच का फोकस छात्रों पर नहीं, बल्कि नॉर्थ वर्जीनिया विश्वविद्यालय की ओर है। विष्णु प्रकाश ने बताया कि वाशिंगटन में मौजूद भारतीय दूतावास इस संबंध में लगातार अमेरिकी अधिकारियों के साथ संपर्क में है। अमेरिकी अधिकारी छात्रों को सभी जरूरी सूचनाएं मुहैया कराने के साथ अमेरिका के किसी अन्य शैक्षणिक संस्थान में स्थानांतरित करने या अपने देश लौटने में मदद कर रहे हैं। बीते कुछ महीनों में यह दूसरा मौका है जब अमेरिकी विश्वविद्यालय की साख पर उठे सवालों ने उसमें पढ़ रहे भारतीय छात्रों के भविष्य को संकट में डाला हो। इससे पहले अमेरिका के कैलीफोर्निया स्थित ट्राइवैली विश्वविद्यालय के खिलाफ अमेरिकी आव्रजन विभाग की कार्रवाई के दौरान तो भारतीय छात्रों को रेडियो टैग की शारीरिक यातना से भी गुजरना पड़ा था। उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय पर अदालती मामले की सुनवाई के दौरान निगरानी के लिए भारतीय छात्रों के पैरों में रेडियो टैग बांध दिए गए थे। ट्राई वैली विश्वविद्यालय में भी पढ़ने वाले अधिकांश छात्र भारतीय थे। इनमें से ज्यादातर आंध्र प्रदेश के थे। यूनिवर्सिटी पर नियमों में ढील देते हुए छात्रों को नियमित पढ़ाई से छूट देने का आरोप भी लगा था। अमेरिकी जांच एजेंसी ने जांच में पाया था कि छात्र यहां रहकर पढ़ाई करने की बजाय दूसरे इलाकों में रहकर कामकाज कर रहे थे। ट्राई वैली यूनिवर्सिटी के बंद होने से तमाम छात्र भारत वापस लौट आए थे। बहुत कम छात्रों को ही दूसरे विश्वविद्यालयों में अध्यापन कार्य जारी रखने का मौका मिला था। ट्राई वैली मामले को भारत ने अमेरिका के साथ शीर्ष स्तर पर उठाया था।

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