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09 जुलाई 2011

पंजाबःचिकित्सा विभाग में चयनित उम्मीदवार जाएंगे हाईकोर्ट

पंजाब में कांट्रेक्ट पर सिलेक्ट हो चुके 55 होम्योपैथी डाक्टरों व 58 डिसपेंसर्स को सरकार की गलती की वजह से दोबारा प्रतियोगी परीक्षा के तनाव से गुजरना पड़ेगा। पूर्व में संपन्न परीक्षा के नतीजे रद्द करने के बाद अब सेहत विभाग ने परीक्षा की नई तारीख का ऐलान कर दिया है।

यह परीक्षा 17 जुलाई को पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में होगी। इसके लिए उम्मीदवारों को सूचना भेज दी गई है। परीक्षा के लिए नए सिरे से आवेदन नहीं लिए गए हैं, बल्कि वही उम्मीदवार इसमें भाग ले सकेंगे, जो पिछली बार परीक्षा में बैठे थे। इनमें होम्योपैथी डाक्टरों के पदों के लिए करीब 550 उम्मीदवार शामिल हैं।

उधर, सिलेक्ट उम्मीदवारों में से दस लोगों ने वकीलों से संपर्क स्थापित कर पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की तैयारी कर ली है। एसोसिएशन आफ होम्योपैथी फिजिशियन के प्रधान डा.परमकमलप्रीत सिंह के मुताबिक उनके पास सरकार की इस धक्केशाही के खिलाफ कोई विकल्प नहीं है।


इसलिए वे परीक्षा में बैठेंगे लेकिन साथ ही सरकार को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे। इसके लिए एकाध दिन में याचिका दायर कर दी जाएगी। अपने पक्ष को मजबूती से पेश करने के लिए काफी सबूत जुटा लिए गए हैं। 
डा.परमकमलप्रीत सिंह के मुताबिक विभाग ने यह कहकर परीक्षा रद्द कर दी कि प्रश्न पत्र में 28 सवाल गलत थे। विभाग जुबानी तौर पर 28 सवाल गलत होने की बात कह रहा है, लेकिन जब जानकारी मांगी गई तो उसमें पता चला कि 13 सवाल संदिग्ध हैं, जबकि 2 ठीक हैं। 

जो 13 सवाल संदिग्ध हैं, उनके जवाब गलत नहीं हैं, बल्कि उनकी अंसर की गलत दे दी गई, जिसमे उम्मीदवारों का कोई कसूर नहीं है। फिर भी सरकार इसका हल करना चाहत तो 100 में से गलत 15 पंद्रह सवालों को निकालकर बाकी 85 के आधार पर दोबारा मेरिट तय कर लेती। वे प्रिंसिपल सेक्रेटरी हेल्थ तक से मिले, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई और उनके पेपर रद्द कर दिए गए। 

पहले भी दिसंबर 2010 में हो चुकी है परीक्षा 

सेहत विभाग ने सीडेक मोहाली के माध्यम से दिसंबर 2010 में परीक्षा ली थी। अव्वल आने वाले उम्मीदवारों की फरवरी 2011 में काउंसलिंग भी हो गई, लेकिन उन्हें नियुक्ति पत्र नहीं दिए गए। 

उसके बाद शिकायत मिलने पर विभाग ने गुरु रविदास आयुर्वेदिक यूनिवर्सिटी होशियारपुर के विशेषज्ञों से प्रश्न पत्रों की जांच कराई, जिसमें सामने आया कि कई प्रश्नों के जवाबों के विकल्प ठीक नहीं थे। इसलिए परीक्षा संपन्न होने, नतीजे आने व नियुक्तियां हो जाने के कई महीने बाद परीक्षा को रद्द कर दिया गया(दैनिक भास्कर,चंडीगढ़,9.7.11)।

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