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09 जुलाई 2011

एम्स में हो रहा है आरक्षण नीति का उल्लंघन

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में आरक्षण नीति पर सही तरीके से अमल नहीं किया जा रहा है। एमबीबीएस और पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स के बाद अब नर्सिग कोर्स के दाखिलों में भी संस्थान में आरक्षण नीति का उल्लंघन हो रहा है।

एमएससी नर्सिग कोर्स में एससी व एसटी छात्रों को आरक्षण देने से संस्थान ने इनकार कर दिया है। दूसरी ओर केंद्र सरकार की आरक्षण नीति को ठेंगा दिखाकर प्रशासन ने बीएससी नर्सिग कोर्स के लिए तय मानक से कम सीटें आरक्षित वर्ग को आवंटित करने का भी फैसला लिया है।

वर्ष 2011 के लिए एमएससी और बीएससी नर्सिग कोर्स में दाखिला की प्रक्रिया चल रही है। इन कोर्सो के लिए तैयार प्रोस्पेक्टस के पेज संख्या छह में एमएससी नर्सिग और बीएससी नर्सिग कोर्स के सीटों का ब्योरा दिया गया है। इसके मुताबिक एमएससी नर्सिग के कुल 18 सीटों में से 14 सीटों को अनारक्षित वर्ग के छात्रों के लिए रखा गया है।


पिछड़ा जाति वर्ग के छात्रों के लिए चार सीटें तय की गई हैं, लेकिन एससी और एसटी वर्ग के छात्रों के लिए एक भी सीट आरक्षित नहीं की गई है। इसी तरह, बीएससी नर्सिग के कुल 60 सीटों में से 39 सीटों को अनारक्षित वर्ग में रखा गया है। 

एससी वर्ग के छात्रों के लिए सात सीटें और एसटी वर्ग के छात्रों के लिए चार सीटें आरक्षित की गईं हैं। अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए दस सीटें निर्धारित की गईं हैं। दूसरी ओर केंद्र सरकार की आरक्षण नीति के मुताबिक एससी वर्ग के लिए 15 फीसदी और एसटी वर्ग के लिए 7.5 फीसदी सीटें आरक्षित होनी चाहिए। 

गौरतलब है कि एम्स के पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स में दाखिले के वक्त अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों के द्वारा सामान्य वर्ग के छात्रों से अधिक नंबर लाने के बावजूद उन्हें कोटे की सीट आवंटित कर दी गइं थीं(धनंजय कुमार,दैनिक भास्कर,दिल्ली,9.7.11)।

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