मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

28 जुलाई 2011

भोपालःआईटीआई में सामूहिक नकल

आईटीआई (औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र) गोविंदपुरा में ईमानदारी से पढ़ाई करने वाले हजारों विद्यार्थियों के सपनों पर खुद शिक्षकों ने ही पानी फेर दिया है। बुधवार को यहां आयोजित परीक्षा में 800 से 1500 रुपए प्रति छात्र लेकर खुलेआम नकल कराई गई। इसके लिए बड़ी संख्या में यहां एजेंट सक्रिय थे।

सुबह 8 बजे इन्होंने परीक्षा देने आए कई छात्रों से संपर्क किया और नकल कराने की सौदेबाजी की। जिसने सहमति दी उसका कमरा नंबर और रोल नंबर लिखकर ले लिया। इसके बाद जैसे ही परीक्षा शुरू हुई तो आधे घंटे बाद परीक्षा के पर्चे बाहर आने लगे और इसके आधे घंटे बाद पर्चे के जवाब अंदर जाने लगे।

एजेंट परीक्षा हॉल तक आसानी से आते-जाते रहे, लेकिन किसी ने इन्हें नहीं रोका। इससे साफ था कि यहां का स्टाफ भी इनसे मिला हुआ है। डीबी स्टार टीम ने यह पूरी घटना लाइव कवर की और जब हॉल के भीतर जाकर छापा मारा तो जिम्मेदार घबरा गए। वे अपनी गलती मानने की बजाय उलटा रिपोर्टरों से ही बहस करने लगे।


ऐसे किया पर्दाफाश
डीबी स्टार को मंगलवार रात 8.30 बजे सूचना मिली कि गोविंदपुरा स्थित आईटीआई के १९ केंद्रों में बुधवार को होने वाली परीक्षा में खुलेआम नकल होने वाली है। इतना ही नहीं, नकल कराने के लिए मौके पर ही सांठगांठ होगी। इसके लिए भोपाल, इंदौर, बुधनी, सीहोर, विदिशा, रायसेन, होशंगाबाद, राजगढ़ आदि स्थानों से कई एजेंट भोपाल पहुंच चुके हैं। इस खबर के बाद डीबी स्टार ने टीम बनाई, जो बुधवार की सुबह 8 बजे से मौके पर रही। लगभग 4 घंटे तक चले लाइव कवरेज में इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ।

जवाब देने से पहले ही हुए मोबाइल बंद
सामूहिक नकल के बारे में डीबी स्टार ने जब जिम्मेदारों से बात की तो वे इस मुद्दे पर चर्चा करने के बजाय रिपोर्टरों से पूछने लगे की आप अंदर कैसे आए और किससे पूछकर आए? उधर, आईटीआई की नियामक संस्था कौशल विकास संचालनालय भोपाल के संयुक्त संचालक डीएस ठाकुर से बात करनी चाही तो उन्होंने डीबी स्टार का नाम सुनते ही मोबाइल बंद कर लिया। ऐसे में जाहिर है कि इन सभी को सब पता है पर ये उसे छिपा रहे हैं?

सीट पर जवाब मिल जाएगा
सुबह : 8.30 बजे, आईटीआई का मुख्य द्वार
परीक्षा देने के लिए भोपाल और आसपास के विद्यार्थियों के आने का सिलसिला ८ बजे से जारी था। इनसे संपर्क करने के लिए एजेंट आईटीआई के मुख्य द्वार पर खड़े हो गए और मोलभाव करना शुरू कर दिया। जिन विद्यार्थियों ने सहमति दे दी, उनसे इन्होंने कहा कि वे अपना रोल नंबर और कमरा नंबर बता दें तो उनकी सीट पर ही नकल का कागज पहुंच जाएगा। इसके बाद विद्यार्थियों और दलालों के बीच पेपर के लिए ८क्क् से १५क्क् रुपए तक का मोलभाव तय हुआ।

एजेंट को बताया रोल नंबर
सुबह : 9 बजे, आईटीआई कैम्पस
विद्यार्थियों ने अपना कमरा नंबर पता लगाया और सबसे पहले एजेंट को इसकी जानकारी दी और परीक्षा में बैठ गए। पेपर शुरू होते ही एजेंट क्लासेस की खिड़कियों के बाहर मंडराने लगे।

पेपर गिरने लगे बाहर
सुबह : 9.30 बजे, गैस राहत बिल्डिंग
परीक्षा शुरू होने के आधे घंटे बाद खिड़कियों से कुछ कागज बाहर गिरे। टीम ने देखा कि उन कागज को एजेंटों ने उठाया और जल्दी से आईटीटाई के मुख्य द्वार की तरफ भागे। वहां पेपर के उत्तर तैयार किए गए और गेट के पास मौजूद फोटो कॉपी की दुकान में इसकी फोटोकॉपी कराना शुरू कर दी। 

शिक्षक ने कराई नकल
सुबह : 10.05 बजे, गैस राहत बिल्डिंग
एजेंटों ने मोबाइल लगाया तो बिल्डिंग से एक व्यक्ति बाहर निकलकर आया। पूछने पर पता चला कि यह व्यक्ति शिक्षक है। इसने एजेंटों से पर्चा लिया और बिल्डिंग के भीतर चला गया। टीम ने बिना कैमरे के इस शख्स का पीछा किया तो वहां किसी ने नहीं रोका और पाया कि शिक्षक ही नकल के कागज चिह्न्ति कर छात्रों तक पहुंचा रहा है। आधे घंटे तक बेफिक्र होकर परीक्षा कक्षों में डीबी स्टार की टीम घूमती रही, लेकिन किसी ने रोकने की जहमत नहीं उठाई। टीम ने कई जगहों पर एजेंटों को घूमते हुए देखा। यह भी देखने को मिला कि कुछ लोगों को वहां के कर्मचारी फ्लाइंग स्क्वॉड के नाम पर अंदर जाने से रोक रहे थे। जबकि परिसर में कहीं कोई फ्लाइंग स्क्वॉड थी ही नहीं।

करने लगे बदसलूकी
सुबह : 11.00 बजे, गैस राहत बिल्डिंग
टीम ने पूरे परिसर का मुआयना करने बाद अपने कैमरे के साथ परीक्षा कक्षों में घुसना शुरू कर दिया। इस बात से नकलची विद्यार्थियों में हड़कंप मच गया, लेकिन इससे भी ज्यादा परेशानी हुई परीक्षा करवाने वाले शिक्षक और अधिकारियों को। इस इमारत में जिन अधिकारियों की डच्यूटी लगी थी वे तथ्यों से अवगत होने की बजाय टीम से ही बदसलूकी करने लगे। इनमें गैस राहत आईटीआई के प्रिंसीपल पीडी गौर भी शामिल थे। जब उनको बताया कि यहां नकल चल रही है तो भी वे मानने को तैयार नहीं हुए।

प्रिंसीपल के सामने ही
सुबह : 11.30 बजे, आदर्श आईटीआई भवन
गैस राहत आईटीआई भवन के बाद टीम बिल्डिंग में छापा मारने गई तो मुख्य द्वार के पास पीली टी-शर्ट पहने एजेंट मिल गया, जो कैमरा देखते ही भागने लगा। प्रिंसीपल एनपीएस सेंगर को टीम ने मामले से अवगत कराया तो वे चौंकने वाले अंदाज में बोले कि चलो देखते हैं। तक एक व्यक्ति तेजी से दौड़ता हुआ एक कमरे में घुस गया। टीम ने तत्काल उसका पीछा किया और विद्यार्थी से पर्चा अपने पास लेते हुए रिकॉर्ड कर लिया। वह व्यक्ति कहने लगा कि मैंने तो नकल पकड़ी है। जबकि वह बाहर टहल रहा था(भीमसिंह मीणा/ श्या��,दैनिक भास्कर,भोपाल,28.7.11)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।