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06 जुलाई 2011

हिमाचलःखाली पड़े पद अब नहीं भरे जाएंगे सरकारी विभागों में

दो साल से सरकारी विभागों में खाली पड़े पद अब नहीं भरे जाएंगे। सरकारी क्षेत्र में उपलब्ध श्रम शक्ति (मैनपॉवर) ही पूरा काम देखेगी। अब कर्मचारियों को प्राइवेट कल्चर की तरह काम करना पड़ेगा। कर्मचारी छुट्टी पर और फाइल ताले में है, इस तरह के बहाने नहीं चल पाएंगे। आने वाले समय में मिनिस्ट्रियल स्टाफ के खाली पड़े पद बहुत कम भरे जाएंगे। केवल लोगों की रोजमर्रा जरूरत से जुड़े पद ही भरे जाएंगे। खाली पड़े पदों को लेकर सभी विभागों को सूचित कर दिया गया है कि अगले आदेश तक किसी भी तरह की भर्तियां न की जाए।


हाल ही में सचिवालय में आयोजित कमेटी ऑफ सेक्रेटरी की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की गई। कोई भी सरकारी विभाग किसी भी स्तर के कर्मचारियों की भर्ती नहीं कर पाएंगे। सभी विभागों को स्टाफ की डिमांड वित्त विभाग को भेजनी पड़ेगी। इसके बाद स्टाफ रखने का मामला कैबिनेट को मंजूरी के लिए जाएगा। देश के अधिकांश राज्यों में हिमाचल ही एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां पर कर्मचारियों की संख्या सबसे अधिक है। कर्मचारियों की फौज कम करने को लेकर केंद्र सरकार की हिदायत रही है ताकि एवज में राज्य को वित्तीय सहायता मिल सके। इस साल 7 हजार कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने की संभावना है। ऐसे में निचले स्तर के खाली होने वाले पद अपेक्षाकृत कम ही भरे जाएंगे।
सरकारी क्षेत्र में फिलहाल फाइल क्लर्क की मर्जी से आगे निकलती है। किसी भी तरह का अहम काम समय पर सिरे नहीं चढ़ता है। अब सरकारी विभागों में भी नतीजा आधारित काम को प्राथमिकता दी जाएगी। प्रत्येक कर्मचारी के कामकाज की मानिटरिंग होगी। कर्मचारियों की लेट लतीफी पर सुप्रीम कोर्ट भी सख्त हुआ है,सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिए गए हैं कि तय अवधि में काम निपटाए जाएं(प्रकाश भारद्वाज,दैनिक भास्कर,शिमला,6.7.11)।

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