मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

29 जुलाई 2011

पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालयःनिजी कॉलेजों पर गिरी गाज,पांच बीएड कॉलेजों को मान्यता

पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद ने संबद्ध सभी निजी कॉलेजों के लिए पांच एकड़ जमीन अनिवार्य कर दिया है। जमीन की जानकारी देने के लिए पुराने कॉलेजों को तीन माह की मोहलत दी गई है। मान्यता के लिए आवेदन करने वाले नए कॉलेजों को पांच एकड़ जमीन नहीं होने की वजह मान्यता नहीं दी गई। जमीन का इंतजाम नहीं हुआ तो राजधानी के दुर्गा कॉलेज, कल्याण कॉलेज भिलाई समेत कई प्रतिष्ठित और पुराने कॉलेजों की मान्यता भी खतरे में पड़ जाएगी। यूनिवर्सिटी के सूत्रों का कहना है कि इस शर्त पर सख्ती हुई तो 80 फीसदी से ज्यादा कॉलेज संकट में आ सकते हैं।
रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले 31 कॉलेजों की स्थिति में सुधार आया है। पिछले साल इन कालेजों की रविशंकर यूनिवर्सिटी ने जांच करवाई थी। इस साल की जांच के बाद जिन कालेजों को 50 फीसदी या उससे ज्यादा निरीक्षक अंक मिले हैं, उनको शर्तो के साथ मान्यता दी गई। कॉलेजों से कहा गया है कि वह तीन महीने के अंदर कम से कम 75 फीसदी स्टाफ का इंतजाम कर लें।
कुलपति डॉ. शिवकुमार पांडेय ने बताया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नियमों के अनुसार इसे लागू किया गया है। हर एक कॉलेज को जमीन के दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। उसमें शासन की ओर से कम से कम 30 साल के लीज की जानकारी देनी होगी या फिर जमीन का मालिकाना हक उस संस्था या संचालक मंडल का होना जरूरी है। इसके अभाव में कॉलेज की मान्यता को बनाए रखना संभव नहीं होगा।

यह शर्त बीएड और एमएड की कॉलेज संचालित करने वालों पर भी लागू होगी। उनके पास भी पांच एकड़ जमीन जरूरी है। यदि कोई कॉलेज के संचालक अकादमिक और शिक्षा दोनों कॉलेज संचालित कर रहे हों तो उन्हें दोनों के नाम अलग-अलग पांच-पांच एकड़ जमीन के दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। इसके बिना उन्हें मान्यता नहीं दी जाएगी। 
बैठक में सदस्यों ने जमीन की अनिवार्यता लागू करने की वजह पूछे इस पर कुलसचिव केके चंद्राकर ने कहा कि यूजीसी की शर्त है। इसे लागू करना अनिवार्य है। ऐसा नहीं होने पर यूजीसी से रविवि को मिलने वाली अनुदान की राशि रोकी जा सकती है। इसके बाद मुद्दे पर सभी सदस्यों ने सहमति जताई। 

पांच बीएड कॉलेजों को मान्यता 
कार्यपरिषद ने पांच बीएड कॉलेजों को भी मान्यता दी है। इनमें महात्मा गांधी कॉलेज, कांति दर्शन कॉलेज, विप्र महाविद्यालय, भिलाई इंफरमेशन टेक्नोलॉजी और रामकृष्ण इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन को मान्यता दी गई है।

कार्यपरिषद ने निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर पिछले साल से मान्यता के लिए आवेदन कर चुके 21 कॉलेजों को सशर्त मान्यता दी। उन्हें अपनी संस्था में तीन माह के भीतर कम से कम 75 फीसदी शैक्षणिक स्टॉफ की नियुक्ति करनी होगी। साथ ही पांच एकड़ जमीन के दस्तावेज भी प्रस्तुत करने होंगे। एकमात्र नए कॉलेज एवीएस रेसीडेंसी इंटरनेशनल कॉलेज रायपुर को पांच एकड़ जमीन होने पर कार्यपरिषद ने मान्यता दी है(दैनिक भास्कर,रायपुर,29.7.11)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।