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07 जुलाई 2011

बाहरी छात्रों को खूब भा रहा है डीटीयू

दिल्ली के छात्रों के बीच तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से काम कर रहा दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीटीयू) स्थानीय से ज्यादा बाहरी छात्रों को भा रहा है। विश्वविद्यालय की ओर से जारी 15 बीटेक पाठ्यक्रमों में दाखिले की पहली सूची को देखकर इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। यहां बाहरी छात्रों के लिए उपलब्ध हर एक सीट पर जहां 23 उम्मीदवार कतार में खड़े हैं, वहीं दिल्ली के छात्रों की संख्या हर सीट पर महज पांच ही है।

कुलपति प्रो. पीबी शर्मा की मानें तो बाहरी छात्रों के इस रुझान का एक अहम कारण यहां पर मिलने वाली शिक्षा है। दूसरा, दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से अब यह संस्थान दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय बन गया है, इसलिए इसकी देश-विदेश में साख भी बढ़ी है।
एनआईसी के एडिशनल डॉयरेक्टर जनरल डॉ. गौतम बोस ने मंगलवार को दाखिले की पहली सूची विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. पीबी शर्मा व बीटेक एडमिशन कमेटी के प्रमुख प्रो. ओपी वर्मा की मौजूदगी में ऑनलाइन जारी की, जिसके तहत बुधवार से दाखिले शुरू हो गए और दिन भर यह प्रक्रिया जारी रही।


प्रो. शर्मा ने बताया कि उनके यहां विभिन्न श्रेणियों में सभी पाठ्यक्रमों में 1,203 सीटों के लिए 10,043 छात्रों ने आवेदन किया है। इसमें दिल्ली के लिए उपलब्ध 85 फीसदी सीटें, यानि 1,022 सीटों पर 5,745 आवेदक मैदान में हैं तो दिल्ली के बाहर के छात्रों के लिए उपलब्ध 181 सीटों पर 4,298 आवेदक हैं। ओबीसी के स्तर पर देखें तो बाहरी राज्यों से 27 सीटों पर 781 छात्रों ने आवेदन किया है। दिल्ली के लिए उपलब्ध 153 ओबीसी की सीटों पर 870 आवेदक हैं। 
कमोबेश अनुसूचित जाति-जनजाति के आंकड़े भी ऐसी ही कहानी बयां करते हैं। विश्वविद्यालय की ओर से उपलब्ध आंकड़ों पर नजर डालें तो इस बार सामान्य श्रेणी के लिए उपलब्ध 752 सीटों पर 6,493 आवेदक मैदान में हैं। ओबीसी की 180 सीटों के लिए यह आंकड़ा 1,494 है। 

अनुसूचित जाति के लिए उपलब्ध 180 सीटों के लिए यह संख्या 405 और जनजाति की 91 सीटों के लिए 1651 आवेदक मैदान में है। प्रो. पीबी शर्मा ने बताया कि दाखिले की प्रक्रिया निर्धारित कार्यक्रम के तहत बुधवार से शुरू हो गई है और जो छात्र मौका मिलने के बाद भी चूक जाएंगे उन्हें फिर मौका नहीं दिया जाएगा। इसके बाद 15 जुलाई को दूसरी सूची जारी की जाएगी(दैनिक भास्कर,दिल्ली,7.7.11)।

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