ग्रामीण इलाकों के अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति की जाएगी। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) के तहत 122 स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके लिए 26-27 अगस्त को इंटरव्यू होगा।
इससे पहले वर्ष 2010 में भी विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति की गई थी। हालांकि सरकार को आवश्यकता के हिसाब से आधे विशेषज्ञ डॉक्टर ही मिल पाए। नियुक्त होने वाले डॉक्टरों को 40-50 हजार रुपए वेतन दिया जाना है।
अपने ही संकल्प को भूल गया विभाग
राज्य में डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए राष्ट्रपति शासन के दौरान 28 फरवरी 2009 को स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक संकल्प निकाला गया। इसके तहत सेवानिवृत्त हो चुके डॉक्टरों की सेवा लिए जाने की बात कही गई। कैबिनेट की अनुमति भी इस पर मिली।
संकल्प के अनुसार 60 साल में सेवानिवृत्त हुए डॉक्टरों को 65 साल की उम्र तक के लिए अनुबंध पर रखा जा सकता है। वर्ष 2007 से लेकर अब तक करीब 200 डॉक्टर 60 साल में सेवानिवृत्त हुए हैं। इनमें से कई अपनी सेवा देना चाहते हैं।
हालांकि सरकार इसपर विचार नहीं कर रही। बताते चलें कि राज्य सरकार ने अब डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति उम्र सीमा को भी बढ़ाकर 65 कर दिया है।
केवल पांच डेंटल सर्जन
राज्य में पांच दंत चिकित्सक ही कार्यरत हैं। राज्य में दंत चिकित्सकों की कमी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने 24 दंत चिकित्सकों की बहाली के लिए जेपीएससी को अधियाचना भेजने जा रही है। राज्य में 29 दंत चिकित्सकों के पद स्वीकृत हैं।
नियमित करने की मांग
अनुबंधित डॉक्टरों के बाद अब राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) के तहत नियुक्त महिला चिकित्सकों ने सेवा नियमित करने की मांग की है। महिला डॉक्टरों ने कहा है कि वे लोग 21 जनवरी 2009 से अपनी सेवा दे रही हैं। ऐसे में उनकी सेवा भी नियमित की जानी चाहिए(दैनिक भास्कर,रांची,12.8.11)।
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