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01 अगस्त 2011

इंदौरःएमईटी और बीकॉम में 1300 रैंक तक फुल हो गई सीटें

पहली काउंसिलिंग खत्म होने के बाद अब सभी को सेकंड राउंड का इंतजार है। लेकिन डिपार्टमेंट्स में स्टूडेंट्स की रिपोर्टिग के बाद ही सेकंड काउंसिलिंग की सीटों का आंकड़ा निकल पाएगा। एमईटी काउंसिलिंग के जरिए प्रदेश के अन्य कॉलेजों में जाने वाले कितने स्टूडेंट्स यूनिवर्सिटी की सीट कैंसल कराएंगे, इसकी जानकारी भी कम से कम एक हफ्ते बाद मिलेगी। साथ ही यूनिवर्सिटी की बीकॉम परीक्षा भी काउंसिलिंग लेट होने का बड़ा कारण है। इस समय बीकॉम छठवें सेमेस्टर की परीक्षा चल रही है। इन सभी स्टूडेंट्स को काउंसिलिंग में बैठने की परमिशन दी गई थी।

पांच सौ रैंक में खत्म हो गई सीटें

कई वर्षो बाद यूनिवर्सिटी के एडमिशन में एक बड़ा फर्क देखने को मिला। जनरल की सीटें 900 रैंक तक भर जाती थी लेकिन इस बार 500 रैंक के अंदर ही सभी सीटें फुल हो गई। एससी-एसटी कैटेगरी में भी 12वीं और ग्रेजुएशन में अच्छे नंबर लाने वालों ने यूनिवर्सिटी के कोर्सेस चुने। यूनिवर्सिटी की ओवरऑल सीटों पर एडमिशन 1900 रैंक तक जाता था, इस बार 1300 रैंक में ही जनरल और कैटेगरी के स्टूडेंट्स से पूर्ति हो गई।

यूनिवर्सिटी पर विश्वास 
सीईटी प्रभारी रहे आईआईपीएस के डायरेक्टर डॉ. बी.के. त्रिपाठी का कहना है अच्छी रैंक पर सभी सीटें फुल होने का मतलब यूनिवर्सिटी पर स्टूडेंट्स का विश्वास बढ़ा है। 1300 रैंक तक सीटें फुल होने का कारण पिछले दिनों बाहर के प्राइवेट कॉलेजों पर छापे और फर्जी कॉलेज बंद करना भी हो सकता है। 

सीईटी प्रभारी डॉ. गणेश कावड़िया का कहना है इस बार यूनिवर्सिटी को क्रीम स्टूडेंट्स मिले है। बीकॉम और एमईटी काउंसिलिंग के बाद कितने स्टूडेंट्स एडमिशन कैंसल कराते हैं यह 20 अगस्त तक ही क्लियर हो पाएगा। इसके बाद ही सेकंड काउंसिलिंग कराएंगे(दैनिक भास्कर,इन्दौर,1.8.11)।

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