मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

27 अगस्त 2011

स्नातक में 45 फीसद अंक पाने वाले बीएड अभ्यर्थी भी दे सकें गे टीईटी परीक्षा


स्नातक में 45 फीसद अंक के साथ बीएड उत्तीर्ण अभ्यर्थी भी प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए होने वाली अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में शामिल हो सकेंगे। इसके लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने 29 जुलाई को किये गये बदलाव की अधिसूचना भी जारी कर दी है। इसके मुताबिक स्नातक में 45 फीसद अंक के साथ बीएड में 45 फीसद अंक के उत्तीर्ण अभ्यर्थी भी अर्ह होंगे। उन्हें जनवरी 2012 तक कक्षा एक से पांच तक के लिए नियुक्ति किये जाने के पात्र होंगे। प्राथमिक स्कूलों में तैनात होने वाले शिक्षकों में अब बीपीएड को भी शामिल करने की मांग की गयी है। आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों जैसे एससी- एसटी, ओबीसी और विकलांगों को अर्ह अंकों में पांच फीसद की छूट दी जा सकेगी। बीएड बीपीएड संघर्ष समिति के अध्यक्ष रवि शास्त्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 88 हजार प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती छह माह में पूरी करने का एलान किया था, लेकिन गलत चयन प्रक्रिया की भेंट चढ़ गयी। उन्होंने मांग की है कि विशिष्ट बीटीसी भर्ती प्रक्रिया भी बीएड प्रवेश परीक्षा की तरह करायी जाए, ताकि एक अभ्यर्थी से केवल एक ही आवेदन पत्र लिया जाए। इसकी वजह से डायट स्तर पर होनी वाली खामियों से बचा जा सकेगा। उन्होंने बीपीएड डिग्री धारकों को भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने की मांग की है और इस प्रस्ताव को पास कराने के लिए 29 अगस्त को केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के घेराव का एलान किया और सभी बीएड व बीपीएड अभ्यर्थियों से दिल्ली चलो की अपील की है। उन्होंने कहा कि टीईटी को लेकर गत सात महीनों से बवाल हो रहा है और अब माध्यमिक शिक्षा परिषद ने अपनी बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियों का हवाला देकर इस परीक्षा को कराने से भी हाथ खड़े कर दिंये हैं। उन्होंने राज्य सरकार के एक विशेष सचिव को बेवजह इस मामले को तूल देने का आरोप भी लगाया है। श्री शास्त्री ने कहा कि स्नातक चाहे किसी भी विषय के हों, भर्ती प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने तो अब बीबीए, बीसीए, बीकाम, बीएससी, बीए, बीएससी एजी सभी को बीएड की अर्हता के लिए मंजूरी दे दी है(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,27.8.11)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।