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04 अगस्त 2011

डीयू सख्त : महंगी पड़ेगी कैंपस में पोस्टरबाजी

नए छात्रों के स्वागत करने के नाम पर छात्र संघ की राजनीति करने वाले छात्र नेताओं को अब पोस्टरबाजी महंगी पड़ सकती है। कैंपस की दीवारों व कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान लगाए गए आक र्षक दिशा-सूचक बोर्ड को बदरंग करने वाले इन पोस्टरों और पर्चियों से नाराज दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन ने अब इनकी वीडियोग्राफी करनी शुरू कर दी है।

प्रशासन वीडियोग्राफी की मदद से छात्रनेताओं को छात्रसंघ चुनाव की दौड़ से बाहर करने के साथ ही उनके खिलाफ दिल्ली पुलिस में बंगाल एक्ट के तहत मामला दर्ज कराने की तैयारी में है।

डिप्टी प्रोक्टर डॉ.मनोज अरोड़ा ने बताया कि उत्तरी हो या फिर दक्षिणी परिसर विश्वविद्यालय में कहीं भी प्रिंटेट पोस्टर चिपकाने की इजाजत नहीं है। वॉल ऑफ डेमोक्रेसी को छोड़ कैंपस में कहीं भी पोस्टर लगाना कानूनी कार्रवाई के दायरे में आता है।


इसी के मद्देनजर विश्वविद्यालय में नए सत्र की शुरुआत के साथ नजर आए पोस्टरों की फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी कराई जा रही है। इस बात के सबूत जुटाए जा रहे हैं कि कौन छात्र पोस्टरबाजी में लिप्त रहा है। एक चरण की रिकॉर्डिग करा ली गई और अब दूसरे चरण का काम जारी है।
 
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डूसू) चुनाव नजदीक हैं, ऐसे में यह सबूत उन छात्रों के खिलाफ कार्रवाई का आधार बनेंगे, जो चुनाव लड़ेंगे। प्रोक्टर कार्यालय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नाराजगी पोस्टरबाजी और संगठनों के नामों को कैंपस के पेड़ों पर गोदने को लेकर भी है। 

यही वजह है कि मुख्य सुरक्षा अधिकारी को खासतौर पर इस बात की जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वह उत्तरी व दक्षिणी परिसर में पोस्टरबाजी की न सिर्फ वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी कराए बल्कि देर रात व सुबह-सुबह उन लोगों की भी धरपकड़ करे जो इस तरह की गतिविधियों में लिप्त हैं(दैनिक भास्कर,दिल्ली,4.8.11)।

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