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06 अगस्त 2011

राजस्थानी भाषा का मुद्दा संसद में गूंजा

राजस्थानी भाषा का मुद्दा शुक्रवार को एक बार फिर संसद में गूंजा। बीकानेर से भाजपा सांसद अर्जुन राम मेघवाल ने शून्यकाल के दौरान मामला उठाते हुए कहा कि राजस्थानी को मान्यता नहीं देने पर केंद्र सरकार की ओर से बनाए गए शिक्षा का अधिकार कानून की पालना कैसे होगी। उन्होंने कहा कि इस कानून के पैरा 29(2)(एफ) में यह प्रावधान है कि छात्र छात्राओं को प्राथमिक शिक्षा उनकी मातृभाषा में ही दी जाए।

शून्यकाल में उठाए इस मुद्दे पर मेघवाल ने कहा कि लोकसभा के पिछले सत्र में भोजपुरी और राजस्थानी को मान्यता देने का मुद्दा आया। 18 दिसंबर, 2006 को इसी हाउस में सरकार की ओर से यह आश्वासन दिया था कि हम भोजपुरी और राजस्थानी को महापात्रा कमेटी की अभिशंषा के अनुसार 14 वीं लोकसभा में ही बिल लेकर आएंगे और मान्यता दिलवाएंगे। 14वीं लोकसभा का कार्यकाल समाप्त हो गया और 15 वीं लोकसभा का भी दूसरा साल जा रहा है। उन्होंने अमेरिका में प्रेसिडेंशियल अपॉइंटमेंट्स की प्रक्रिया में राजस्थानी भाषा को अंतरराष्ट्रीय भाषाओं की सूची में शामिल किया गया है, फिर भी देश में संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं किया जा रहा है(दैनिक भास्कर,जयपुर,6.8.11)।

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