मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

26 अगस्त 2011

मेडिकल प्रोफेसर्स का वेतन बढ़ाने की तैयारी, फाइल वित्त विभाग में

मेडिकल प्रोफेसर्स को जल्द ही वेतन में बढ़ोतरी की खुशखबरी मिल सकती है। इससे संबंधित फाइल वित्त विभाग के पास पहुंच गई है। सबकुछ ठीक रहा तो इसे जल्द ही कैबिनेट में रखा जा सकेगा। इन प्रोफेसर्स की मांग के बाद राज्य सरकार यह कार्रवाई कर रही है।

पिछले पांच सालों में प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों से करीब 100 डॉक्टर नौकरी छोड़कर जा चुके हैं। ज्यादा वेतन की चमक के चलते सरकारी कॉलेज से नौकरी छोड़कर डॉक्टर निजी कॉलेजों की ओर रुख कर रहे हैं।

आक्रोशित डॉक्टरों का कहना है कि सालों तक कठिन पढ़ाई के बावजूद हमें अन्य प्रदेशों की तुलना में कम वेतन मिल रहा है। यूजीसी वेतनमान लागू होने के बाद ‘कला’ के प्रोफेसर को हमसे ज्यादा वेतन मिल रहा है, वहीं हमारा विभाग हमारी उपेक्षा कर रहा है। इंदौर मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने शासन को पूरा रिपोर्ट कार्ड दिया है। इसमें सूचीवार सभी राज्यों के मेडिकल कॉलेजों में मिलने वाले वेतन का विवरण दिया है।

सूची चिकित्सा शिक्षा मंत्री, प्रमुख सचिव सहित आला अधिकारियों को दी गई है। अन्य सारे राज्यों में चिकित्सा शिक्षा विभाग ने यूजीसी वेतनमान लागू कर दिया है। वहां एकेडेमिक अलाउंस भी कम मिलता है जबकि मप्र यह नहीं दिया जा रहा है। हालांकि उच्च शिक्षा विभाग में छठे वेतनमान के बाद 50 से 1 लाख तक वेतन दिया जा रहा है।


चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री महेन्द्र हार्डिया ने बताया यह बात सही है कि उन्हें अन्य विषयों के टीचर्स के समकक्ष वेतनमान भी नहीं मिल पा रहा है। यूजीसी वेतनमान लागू होने के बाद उन्हें अच्छा वेतन मिल रहा है। सरकार इस पर विचार कर रही है। फाइल वित्त विभाग के पास भेजी गई है। इसके बाद केबिनेट में प्रस्ताव रखा जाएगा।

एमपी मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन अध्यक्ष डॉ. पी.एस. ठाकुर ने बताया यूनिवर्सिटी में अन्य विषयों के प्रोफेसरों को हमसे अधिक वेतन मिलता है। वहीं छत्तीसगढ़ सहित अन्य प्रदेशों के मेडिकल कॉलेजों में भी अच्छा वेतन मिल रहा है। सिर्फ मप्र में ही मेडिकल टीचरों को कम वेतन मिल रहा है(दैनिक भास्कर,इन्दौर,26.8.11)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।