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14 अगस्त 2011

महाराष्ट्रःनहीं मिली नए कालेजों को मंजूरी

चालू शैक्षणिक सत्र में उच्च शिक्षा विभाग एक भी नए कालेज खोलने की अनुमति देने के मुड में नहीं है। यही वजह है कि कालेज शुरू करने की अनुमति देने की अंतिम समय सीमा समाप्त हुए डेढ़ माह गुजर गया है। अभी तक विभाग ने राज्य भर की विवि से आए किसी भी प्रस्ताव पर कोई कार्रवाई नहीं की है।

राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय से नए कालेजों के 85 प्रस्ताव भेजे गए थे। इसके साथ ही प्रवेश क्षमता बढ़ाने तथा नए पाठच्यक्रम शुरू करने के प्रस्ताव भी भेजे गए थे। विभाग ने अभी तक विवि से संबद्ध महाविद्यालयों में नए पाठच्यक्रम शुरू करने के प्रस्ताव को ही मंजूरी दी है। शेष प्रस्ताव पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। सूत्रों की मानें तो एआईसीटीई के बाद विभाग ने भी नए कालेज नहीं देने का मन बनाया है। विभाग के इस रूख से बेचैन शिक्षण संस्था संचालकों ने मुंबई का रूख करने की तैयारी पूरी कर ली है।


उच्च शिक्षा विभाग के साथ ही तकनीकी शिक्षा विभाग ने भी इस वर्ष राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय द्वारा भेजे गए व्यवसायिक पाठच्यक्रम के प्रस्ताव पर कोई कार्रवाई नहीं की है। यदि मान्यता देना ही होता तो 15 जुलाई तक मान्यता मिल गई होती। किन्तु विवि को अभी तक इस संबंध में कोई पत्र नहीं भेजा है। संस्था संचालकों को उम्मीद थी कि जुलाई में न सही अगस्त के प्रारंभ में हुई कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव पर मुहर लग जाएगी। सूत्रों ने बताया कि बैठक में इस तरह के किसी भी प्रस्ताव पर चर्चा नहीं हुई। 
प्रस्तावों को मान्यता क्यों नहीं मिली है अभी तक इस संबंध में कोई भी कारण ज्ञात नहीं हो पाया है। उल्लेखनीय है कि गत मई माह में विवि महाविद्यालय व विश्वविद्यालय विकास मंडल की ओर से शैक्षणिक सत्र 2011-12 में 65 नए कालेज शुरू करने के प्रस्ताव को मान्यता देने के लिए विभाग के पास भेजा था। इसके अलावा कुछ प्रस्ताव सीटों में इजाफे के भी थे। इनमें से किसी भी प्रस्ताव को अभी तक मान्यता नहीं मिली है। 

पहले लगा मुंबई हमले ने रूकवाया फैसला

प्रस्ताव को मान्यता अभी तक क्यों नहीं मिली इस संबंध में कारण अज्ञात है। किन्तु गत 15 जुलाई की समय सीमा निकलने के बाद संस्था संचालकों को लगा कि मुंबई में गत दिनों हुए तीन बम विस्फोट के कारण अभी प्रस्ताव पर कोई फैसला नहीं हो पाया है। सरकार अभी विस्फोट प्रकरण में व्यस्त होने के कारण प्रस्ताव की फाइल पर हस्ताक्षर नहीं हुए है। जबकि विभाग के अधिकारियों की मानें तो विस्फोट का प्रस्ताव से कोई संबंध नहीं है। सूत्रों ने कहा कि संभवत: इस वर्ष सभी पाठच्यक्रमों में विद्यार्थियों के टोटे को देखते हुए विभाग ने प्रस्ताव को मान्यता नहीं दी होगी(दैनिक भास्कर,नागपुर,14.8.11)।

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