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14 अगस्त 2011

राजस्थान प्रशासनिक सेवाःएक विषय में महारथ से अब अफसर बनना आसान नहीं

आरएएस परीक्षा में आईएएस पैटर्न लागू हुआ तो एक विषय में महारथ हासिल कर सफलता पाना आसान नहीं रहेगा। कला, वाणिज्य, विज्ञान के साथ ही इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट जैसे प्रोफेशनल कोर्स से जुड़े छात्रों के लिए भी सफलता के समान अवसर पैदा होंगे।

राज्य में आरएएस की भविष्य में होने वाली भर्ती यूपीएससी पैटर्न पर किए जाने की योजना का सबसे ज्यादा फायदा उन छात्रों को मिलेगा जिनकी सामान्य अध्ययन में पकड़ रहेगी। यहां प्रारंभिक परीक्षा में विषय लेने की बाध्यता से छूट मिल जाएगी। सामान्य ज्ञान आधारित दो सौ अंकों का सिर्फ एक पेपर होने से छात्र की देश और राजस्थान से संबंधित सामान्य ज्ञान की कड़ी परीक्षा होगी। इसमें सामान्य विज्ञान, मानसिक योग्यता के साथ ही वैश्विक स्तर का नॉलेज जरूरी होगा।


परीक्षा पैटर्न : आरएएस बनाम आईएएस

आईएएस : प्रारंभिक परीक्षा में सामान्य अध्ययन, एप्टीट्यूट के 200-200 नंबर के दो पेपर। मुख्य परीक्षा में दो ऑप्शनल विषय 300-300 अंक (चार पेपर)। सामान्य ज्ञान के दो पेपर प्रत्येक 300 का। निबंध-200 अंक। अनिवार्य विषय के रूप में हिंदी-अंग्रेजी उत्तीर्ण करना जरूरी। इंटरव्यू-300 अंक। 
आरएएस : प्रारंभिक परीक्षा में दो पेपर। सामान्य ज्ञान, सामान्य विज्ञान 200 अंक तथा विषय विशेष 200 अंक। मुख्य परीक्षा में दो ऑप्शनल विषय। प्रत्येक 400-400 अंक। अनिवार्य विषय के रूप में हिंदी 200 और अंग्रेजी 100 अंक का पेपर। सामान्य ज्ञान-200 अंक। इंटरव्यू- 160 अंक। 

प्रस्तावित पैटर्न आरएएस

प्रारंभिक परीक्षा में 200 अंकों का एक पेपर। विषय विशेष का पेपर नहीं। सामान्य ज्ञान, सामान्य विज्ञान, मानसिक योग्यता संबंधी प्रश्न होंगे। राजस्थान से जुड़े सवालों को प्राथमिकता। मुख्य परीक्षा में 200-200 अंकों के चार पेपर। सामान्य ज्ञान एवं सामान्य अध्ययन तथा भाषा गत जानकारी से जुड़े सवाल होंगे। हिंदी भाषा के 50, अंग्रेजी के 40, राजस्थानी भाषा के 10 प्रतिशत अंक। इंटरव्यू 100 अंकों का। इसमें पहले की तरह छात्र की विश्लेषणात्मक क्षमता, परिस्थितिवश तत्काल निर्णय की क्षमता, आत्म विश्लेषण जैसे विषयों की बारीकी से जांच के साथ ही बॉडी लैंग्वेज परखी जाएगी। 

दक्ष प्रशासक तैयार होंगे

आएएस परीक्षा में आईएएस पैटर्न लागू करने की योजना सही मायने में भविष्य को लेकर तैयार की जा रही है। यह बदलाव मैनेजमेंट, इंजीनियरिंग सहित अन्य प्रोफेशनल कोर्सेज से संबंधित विद्यार्थियों के लिए सरल व उपयोगी साबित होगा। अब विषय में दक्षता हासिल करने के साथ-साथ परीक्षार्थी को सामान्य अध्ययन में बेहद मजबूत होने की जरूरत रहेगी। यह भी संभव है कि प्रशासनिक अधिकारी व्यापक समझ के चलते समाज के हर हिस्से के लिए लाभकारी नीतियों के सुझाव दे सकेंगे। 
बॉय इन्विटेशन -प्रोफेसर राजीव गुप्ता, राजस्थान यूनिवर्सिटी

आईएएस रैंकिंग होल्डर भी पक्ष में

सिविल सर्विस परीक्षा में 522 वीं रैंक पर रहीं सरोज कहती हैं- आरएएस में आईएएस पैटर्न लागू होने से स्केलिंग को लेकर कई बार होने वाले नुकसान की आशंका खत्म होगी। छात्र को व्यापक परिदृश्य में दिमाग को विकसित करना होगा। 

आईएएस पैटर्न कब से लागू होगा यह तय नहीं, लेकिन यह तय है कि यह छात्रों की तैयारी की दिशा ही बदल देगा। स्केलिंग समस्या को लेकर एक के बाद एक नए विवादों से भी मुक्ति मिल जाएगी। —वी.पी. गुप्ता, डायरेक्टर, रॉय इंस्टीट्यूट 

प्रस्तावित पैटर्न तभी सफल हो पाएगा, जब उसमें राजस्थान का व्यापक कोटा रखा जाए। यह तब हितकर साबित होगा जब अलग-अलग क्षेत्र के विद्वानों से एकसाथ पाठ्यक्रम पर उनका मंतव्य जाना जाए। -हुकुमचंद जैन, लेखक-इतिहासकार(मदन कलाल,दैनिक भास्कर,जयपुर,14.8.11)

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