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10 अगस्त 2011

बिहारःसचिवालय में रहना है तो बोलनी होगी अंग्रेजी


अगर आप बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी हैं और अपना पदस्थापन सचिवालय में चाहते हैं तो आपके लिए फर्राटेदार अंग्रेजी बोलनी अनिवार्य होगी। अगर आपकी अंग्रेजी अच्छी नहीं है तो सचिवालय में आपकी तैनाती सम्भव नहीं हो सकेगी। दरअसल, राज्य सरकार मानती है कि बिहार में विकास के बदलते परिवेश, उससे जनित जटिल एवं चुनौतीपूर्ण वातावरण तथा जनसामान्य के सरकार से बढ़ती अपेक्षाओं के आलोक में बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों का कार्य काफी चुनौतीपूर्ण हो गया है। राज्य सरकार ने इन चुनौतियों के मद्देनजर बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों की कार्य क्षमता, दक्षता एवं योग्यता में वृद्धि करने के लिए समय-समय पर कुल तीन सेवाकालीन प्रशिक्षण प्रदान करने का पूरा कार्यक्रम और नीति तैयार कर ली है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा तैयार किये गये इन कार्यक्रमों व नीतियों के तहत प्रशिक्षण का उद्देश्य बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों के ‘कोर स्कील’ में वृद्धि के साथ-साथ उनमें नेतृत्व का गुण, वित्तीय प्रबंधन, लोक प्रबंधन, सूचना का अधिकार, जन शिकायत, लोक सेवाओं का अधिकार, परियोजना प्रबंधन एवं कम्युनिकेशन आदि से सम्बन्धित व्यावसायिक गुणों को विकसित करना है। सरकार के स्तर पर उपयरुक्त परिपेक्ष्य में बिहार प्रशासनिक सेवा के पदादिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान किये जाने का ‘मॉडय़ुल’ बनाया जाना विचाराधीन था। राज्य सरकार द्वारा विचारोपरांत राज्य सरकार द्वारा बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों के लिए प्रशिक्षण प्रदान करने की नीति व कार्यक्रम निर्धारित किये गये हैं। इसके लिए छह से दस वर्ष की सेवा पूरी करने वाले पदाधिकारियों, 11 से 15 वर्षो की सेवा पूरी करने वाले तथा 16 से 20 वर्षो की सेवा करने वाले पदाधिकारियों के लिए तीन स्तर पर विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था की गयी है। राज्य सरकार ने वैसे पदाधिकारियों, जिनकी सेवा 20 वर्षो से अधिक की हो गयी है, उन्हें एलबीएसएनएए, मसूरी या समकक्ष लब्धप्रतिष्ठित संस्थान में प्रशिक्षण प्राप्त करना अनिवार्य होगा। यह प्रशिक्षण उनकी प्रोन्नति के लिए भी अनिवार्य होगा। बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों के लिए तैयार सेवाकालीन प्रशिक्षण से सम्बन्धित नीति एवं कार्यक्रम के तहत पदाधिकारियों का स्थानांतरण एक विभाग से दूसरे विभाग में या क्षेत्रीय कार्यालय से विभाग में होने पर उप सचिव एवं उसके ऊपर के पदाधिकारी को आधे दिन का ‘इंडक्शन कोर्स’दिया जायेगा, जिसमें पदाधिकारी को विभागों के कार्यकलाप के सम्बन्ध में संक्षिप्त जानकारी दी जायेगी। इसके लिए सभी विभागों द्वारा ‘इंट्रैक्टिव ट्रेनिंग सीडी’ तैयार किया जायेगा। बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों में अंग्रेजी भाषा एवं कम्प्यूटर में कमजोरी को ध्यान में रखते हुए ‘आउटसोर्सिग’ के माध्यम से ‘इंग्लिश स्पीकिंग प्रोफिसिऐंसी’ तथा कम्प्यूटर स्कील विकसित करने के लिए डीओईएसी द्वारा संचालित प्रशिक्षण संस्थाओं से प्रशिक्षण देकर उन कर्मियों को दूर किया जायेगा। ये दोनों विषय सचिवालय में पदस्थापना के लिए भी अनिवार्य होंगे। इन प्रशिक्षणों के अतिरिक्त विभाग-विशेष में पदस्थापित पदाधिकारियों को विभागीय कार्य के अनुकूल ‘डिस्क्रेशनरी ट्रेनिंग’ दिये जाने का प्रावधान है जो कम अवधि का होगा। साथ अपनी योग्यता एवं कौशल मेय वृद्धि चाहने वाले अधिकारियों को लब्धप्रतिष्ठित संस्थाओं यथा एनआईआरडी, एचसीएम, आरआईपीए, वाईएएसएचएडीए, एक्सएलआरआई, एमसीआरएचआरडी व एएससीआई आदि संस्थाओं से टाई-अप कर उन संस्थाओं में एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत मनोनीत कर भेजा जायेगा। साथ ही अन्य राज्यों बेस्ट प्रैक्टिसेज की गहराई से अध्ययन करने हेतु प्रोजेक्ट वर्क के लिए उन्हें अन्य राज्यों में भेजा जायेगा। इन अधिकारियों को अधिक से अधिक एक्सपोजर प्राप्त हो, इसके लिए उन्हें भारत सरकार की बैठकों में तथा अंतरराष्ट्रीय बैठकों में भी भेजा जायेगा। बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को प्रशिक्षण देने का दायित्व बिपार्ड का होगा। इसके लिए बिपार्ड के भौति आधारभूत संरचनाओं को सुदृढ़ किया जायेगा(राष्ट्रीय सहारा,पटना,10.8.11)।

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