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05 अगस्त 2011

डीयूःसत्यवती कॉलेज में स्पोर्ट्स कोटे में धांधली पर कार्रवाई का निर्देश

सत्यवती कॉलेज में स्पोर्ट्स कोटे से दाखिले में कथित धांधली को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय ने प्रशासन को जिम्मेदारी तय करते हुए कार्रवाई करने को कहा है। कॉलेज में १९ गेम्स में ट्रायल के जरिए दाखिला देने में कुछ छात्रों ने धांधली की शिकायत की थी। इसको लेकर जांच कमेटी बैठाई गई थी। कमेटी ने १९ में से १६ गेम्स के ट्रायल और इसके आधार पर दाखिले की सिफारिश को पारदर्शी नहीं बताया। इसमें अनियमितता पाई गई थी। जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर दाखिले को की सिफारिश को रद्द करने को कहा गया था। डिप्टी रजिस्ट्रार कॉलेज ने स्पोर्ट्स ट्रायल के आधार पर दाखिले की सिफारिश को रद्द करते हुए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। इसकी रिपोर्ट विश्वविद्यालय को भी भेजी जाएगी।
विभिन्न कॉलेजों में स्पोर्ट्स कोटे में कथित धांधली की जांच की मांग को लेकर छात्रों ने गुヒवार को कैंपस में प्रदर्शन किया। छात्रों की मांग थी कि हिन्दू, सत्यवती और मोतीलाल प्रातकालीन पाली में जिस तरह खेल के नाम पर अनियमितता की जांच हो। प्रदर्शनकारियों ने विवेकानंद की मूर्ति से लेकर कुलपति कार्यालय तक मार्च किया। बाद में छात्र नेता दीपिका देशवाल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल कुलपति और डीन स्टूडेंट वेलपेᆬयर से मिलकर उन्हें एक ज्ञापन सौंपा(नई दुनिया,दिल्ली,5.8.11)।


राष्ट्रीय सहारा की रिपोर्टः
डीयू के सत्यवती कॉलेज में खेल कोटे में गड़बड़ी के मामले में विविद्यालय प्रशासन ने इस कोटे के दाखिले को फिलहाल रोकने का आदेश दिया है। डीयू द्वारा कॉलेज को दोबारा से ट्रायल करने की भी अनुमति नहीं दी गई है। साथ ही साथ इस गड़बड़ी के लिए संबंधित व्यक्तियों की जिम्मेदारी तय करते हुए, आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। बताया जाता है कि कॉलेज प्रशासन द्वारा मामले में दाखिले कोटे से जुड़े शिक्षक को भविष्य में किसी तरह की प्रशासनिक व अहम जिम्मेदारी न देने का फैसला ले सकता है। मालूम हो कि सत्यवती कॉलेज प्रात: में खेल कोटे (कबड्डी में) के तहत हो रहे दाखिले को लेकर कुछ विद्यार्थियों ने कॉलेज की ग्रीवांस कमेटी से गड़बड़ी की शिकायत की थी। जिसके बाद कॉलेज प्रशासन ने इस मामले में जांच कमेटी गठित की गई थी। कमेटी ने जांच कर एक रिपोर्ट कॉलेज प्रशासन को दी थी। रिपोर्ट के अनुसार खेल कोटे में कुल 44 विद्यार्थियों की दाखिला सूची तैयार की गई थी। इन बच्चों में से चार बच्चों का ट्रायल और उनको दिए गए अंक ठीक पाए गए हैं। जबकि बाकी 40 विद्यार्थियों में ज्यादातर विद्यार्थियों के ट्रायल और चयन की प्रक्रिया में गड़बड़ी का खुलासा किया गया है। रिपोर्ट में जूडों में-3, बॉक्सिंग में 3, खो-खो में 2, त्वाइक्वांडो में 2, सॉफ्टबॉल में 3, बेसबॉल में 4, नेटबॉल में 4, बॉस्केट बॉल में 3, वॉलीबॉल में 4, कबड्डी में 5, एथलेटिक में 1, क्रिकेट में 5 और बैडमिंटन में 1 विद्यार्थियों के ट्रायल में अधिकतर में गड़बड़ी पाई गई है। जिसके बाद अब सभी 40 के दाखिले रद्द करते हुए इनकी दाखिला सूची अमान्य करार दिया गया है। कॉलेज की जांच रिपोर्ट में अंकों के साथ छेड़छाड़ की बात कही गई है। साथ ही यह भी आरोप सिद्ध हुआ कि ट्रायल उन विद्यार्थियों के लिए हैं, जिन्होंने बीते एक साल या दो साल में खेल में भाग नहीं लिया। मसलन ट्रायल में 10 और 11वीं में खेलने वाले विद्यार्थी अधिक थे लेकिन कॉलेज के नियम के तहत 12वीं में खेल में शामिल होने वाले विद्यार्थियों को खेल कोटे के लिए आमंत्रित किया गया था। कॉलेज द्वारा अब इन्हीं बच्चों को ट्रायल दोबारा से लिया जाएगा।

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