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01 अगस्त 2011

अस्थायी कर्मी समान काम के लिए समान वेतन के हकदार नहीं

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि अस्थायी आधार पर नियुक्त होने वाले कर्मियों पर ‘समान कार्य के लिए समान वेतन’ का सिद्धांत लागू नहीं हो सकता। अदालत ने कहा कि यह जरूरी नहीं है कि दैनिक वेतन भोगियों के पास भी वैसी ही योग्यता हो, जैसी नियमित रूप से काम करने वाले कर्मियों में होती है।
न्यायमूर्ति एस मुरलीधर की एक सदस्यीय पीठ ने एयर इंडिया लिमिटेड की याचिका को विचार के लिए स्वीकार करते हुए कहा कि अगर अस्थायी कर्मी नियमित कर्मियों जैसा काम कर रहे हैं तो वे ‘समान कार्य के लिए समान वेतन’ के सिद्धांत के तहत दावा पाने के हकदार नहीं हो जाते।
अदालत ने कहा कि दैनिक वेतनभोगी कर्मियों को नियमित कर्मियों के समान वेतन स्तर देने की राहत देता केंद्र सरकार औद्योगिक न्यायाधिकरण (सीजीआईटी) का आदेश निरस्त किया जाता है।

दिल्ली हाईकोर्ट का यह आदेश एयर इंडिया लिमिटेड की याचिका पर आया जिसमें सीजीआईटी के आदेश को चुनौती दी गई थी। सीजीआईटी ने कहा था कि अस्थायी आधार पर काम करने वाले कर्मी नियमित रूप से काम करने वाले कर्मचारियों को दिए जाने वाले भुगतान के समान ही वेतन पाने के हकदार होते हैं।
एयर इंडिया वर्कर्स यूनियन की याचिका पर सीजीआईटी ने कहा था कि अस्थायी आधार पर काम करने वाले कर्मचारियों पर ‘समान कार्य के लिए समान वेतन’ पाने का सिद्धांत लागू होता है(दैनिक ट्रिब्यून,दिल्ली,1.8.11)।

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