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04 अगस्त 2011

उत्तराखंडःसंस्कृत को लोकप्रिय बनाने के लिए अकादमी ने बीड़ा उठाया

देववाणी संस्कृत को सरल व लोकप्रिय बनाने के लिए उत्तराखंड संस्कृत अकादमी ने पहल की है जिसके तहत दस दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया है। दस दिवसीय सरल संस्कृत सम्भाषण शिविर का उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि बुद्धदेव शर्मा सचिव उत्तराखंड संस्कृत अकादमी ने किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है लेकिन आज सबसे अधिक पिछड़ गई है। उन्होंने कहा कि संस्कृत को लोकप्रिय व सरल बनाने के लिए वि में संस्कृत भारती कार्यक्रम आयोजित कर रही है। इस मौके पर विशिष्ठ अतिथि पालिकाध्यक्ष ओपी उनियाल ने कहा कि संस्कृत भाषा हमारी मातृभाषा है। इसका प्रचार-प्रसार होना चाहिए ताकि लोग इसकी महत्ता को समझ सकें। इस मौके पर विभाग संगठन मंत्री मनीष जुगरान ने संस्कृत भाषा के महत्व पर प्रकाश डाला व कहा कि हमारे सभी वेद पुराण आदि संस्कृत में ही लिखे गए हैं। साउथ के कई गांवों में सभी संस्कृत बोलते हैं वहीं संस्कृत भारती संस्कृत के प्रचार-प्रसार के लिए वि के 14 देशों में काम कर रही है और पूरे देश में भी प्रचार- प्रसार के लिए शिविर लगाए जा रहे हैं(राष्ट्रीय सहारा,मसूरी,4.8.11)।

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